राेहतक, सत्यखबर
हरियाणा के इंदरगढ़ गांव की रहने वाली वूशु खिलाड़ी को शिक्षा को पिछले तीन साल से खेल विभाग से कैश अवार्ड और एससी कैटेगरी में मिलने वाली स्कॉलरशिप का इंतजार है। शिक्षा का कहना है कि उसका नाम विभाग की सूची में है, लेकिन राशि नहीं आई है। वूशु ने गेम मे 56 और 60 किलोग्राम भार वर्ग में 9 बार नेशनल और 24 बार स्टेट लेवल पर गाेल्ड, सिल्वर व ब्रांज मेडल जीतने वाली खिलाड़ी इन दिनाें मजदूरी कर परिवार काे पाल रही है।
वुशू चैंपियन शिक्षा ने कहा कि घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। प्रैक्टिस करने के साथ डाइट मनी की व्यवस्था करना मुश्किल हो गया है। माता-पिता के साथ मनरेगा के तहत मिलने वाले काम को करने के लिए जाती हूं। उन्होंने सरकार से मांग की है कि खेल उपलब्धियों को देखते उन्हें हुए कैश अवॉर्ड या स्कॉलरशिप के साथ एक नौकरी दिलाई जाए।
शिक्षा की मां राजदेवी ने कहा कि बेटी की पढ़ाई कराने के साथ ही उसकी खेल में लगन को देखते हुए मेहनत मजदूरी कर उसे दूसरे प्रदेशों में होने वाले टूर्नामेंट में खेलने के लिए भेजा। बेटी मेडल जीतकर आती तो खुशी होती। लेकिन सरकार की तरफ से कोई पुरस्कार व नौकरी देने की पहल नहीं हुई।
शिक्षा ने दो बार ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी वुशू चैंपियनशिप एमडीयू का प्रतिनिधित्व कर सिल्वर मेडल पर कब्जा किया है। एमडीयू रोहतक के खेल निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ढुल ने कहा कि खिलाड़ियों को उपेक्षित महसूस नहीं होने दिया जाएगा। वूशु खिलाड़ी शिक्षा को जल्द आर्थिक मदद दी जाएगी।
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