सत्यखबर
लखीमपुर खीरी कांड में पीड़ितों को इंसाफ दिलाने और आरोपियों की गिरफ्तारियों की मांग को लेकर प्रियंका गांधी ने यूपी में जिस तरह के तेवर दिखाएं हैं उससे पार्टी कार्यकर्ताओं में एक नई जान आ गई है। साथ ही कांग्रेस ने प्रदेश में विपक्ष पर भी अपनी बढ़त ली है। रविवार को बनारस में किसान रैली का आयोजन करके प्रियंका गांधी ने एक तरह से यह संदेश भी दे दिया है कि वे अब रूकने वाली नहीं हैं। प्रियंका और पार्टी दोनों ने इस मुद्दे को चुनाव तक भुनाने की तैयारी कर ली है।किसान आंदोलन को अपना मुख्य एजेंडा बनाते हुए प्रियंका गांधी ने कांर्यकर्ताओं में जो सियासी गर्माहट भर दी है उसके बाद उन्होंने अब लखनऊ में ही डेरा डालने का फैसला किया है।
प्रियंका के लखनऊ में ही रूकने की बात सुनकर पार्टी कार्यकर्ता उत्साहित हैं। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि कार्यकर्ता और प्रदेश के वरिष्ठ नेता लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि अब प्रियंका गांधी को लखनऊ में ही डेरा डालना चाहिए लेकिन कभी कोरोना तो कभी और किसी वजह से उनकी यह योजना खटाई में पड़ती रही। लेकिन अब जबकि चुनाव में 100 दिन बचे हैं ऐसे मे उन्होंने चुनाव तक लखनऊ में ही रूकने का कार्यक्रम बनाया है। प्रियंका गांधी लखनऊ में अपने एक रिश्तेदार शीला कॉल के यहां रूकती रही हैं। इसी घर को प्रियंका के प्रवास के लिए अच्छी तरह तैयार कर लिया गया है। हालांकि कौल हाउस में उनकी जरूरत के अनुसार पिछले साल ही साज-सज्जा पूरी कर ली गई थी।
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शीला कौल, जिनका 2015 में निधन हो गया, वह भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू की भाभी थीं। वह केंद्रीय मंत्री रह चुकी हैं। कौल का विशाल बंगला लखनऊ के गोखले मार्ग पर उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय से करीब तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। प्रियंका अभी भी यहीं ठहरी हुई हैं।
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