सत्यखबर, घरौंडा
करनाल के बसताड़ा टोल प्लाजा पर सोमवार को आयोजित किसान महासभा में गुरनाम सिंह चढूनी पहुंचे हैं। इसके अलावा कई अन्य किसान नेता भी पहुंच चुके हैं। वहीं किसान महासभा से पहले पत्रकार वार्ता में आज बड़ा निर्णय लेने का किया ऐलान भी गुरनाम सिंह चढूनीन ने किया है। उन्होंने कहा कि अब पूरे प्रदेश से किसान व किसान नेता यहां पहुंचेगे। हालांकि इससे पहले यहां पर विभिन किसान संगठनों के नेता व पदाधिकारियों को ही बुलाया गया था पर किसानों पर हुए लाठीचार्ज के बाद प्रदेश के किसानों में सरकार के प्रति भारी गुस्सा है जिसका अंदाजा आज यहां बसताड़ा टोल पर पहुंचे किसानों की संख्या से ही लगाया जा सकता है ।
चढूनी ने कहा कि रायपुर जाटान के किसान की पुलिस की लाठियों से मौत हुई थी । वहीं एक सवाल के जवाब में चढूनी ने राकेश टिकैत के पहुंचने को नकारा और कहा कि मुझे नहीं पता कि वो आएंगे या नहीं। मीडिया से बातचीत में गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि हरियाणा में बार-बार किसानों पर लाठीचार्ज कर हरियाणा की बीजेपी-जेजेपी सरकार अपनी हिटलरशाही का परिचय दे रही है।
जिसे किसान बर्दाश्त नहीं करेगा। अब हरियाणा सरकार से आर-पार की लड़ाई का समय आ गया है। अबर हमने अब भी हरियाणा सरकार को माफ कर दिया तो किसान अपने आप को कभी माफ नहीं कर पायेगा। हो सकता है आज की किसान महासभा के बाद कोई बड़ा निर्णय ले लिया जाए। वहीं पत्रकार वार्ता के बाद मंच से नेताओं का बोलना शुरू हो गया है।
भारतीय किसान मजदूर यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कौथ ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल को इसलिए वोट दिए थे कि वह केंद्र में जाकर किसानों की बात रखेंगे। कौथ ने कहा कि हरियाणा सरकार से अलग लड़ना पड़ रहा है और केंद्र सरकार से अलग। इतना ही नहीं मोर्चा में अपनी बात के लिए अलग से आवाज उठानी पड़ रही है। इसके लिए किसान मजदूर संगठनों के नेताओं की अलग से मीटिंग होनी चाहिए। संयुक्त किसान मोर्चा की नौ सदस्यीय कमेटी हरियाणा के संगठनों के साथ अलग से बात करे। बाबा राम सिंह की मौत पर संयुक्त मोर्चा ने गुरुद्वारा में शव रखने से मना कर दिया। हमारा किसान मरा है और हम शव रखकर कुछ कर सकते हैं। पंजाब के किसान नेता सतनाम सिंह ने कहा कि 22 साल के जवान किसान की मौत का बदला जरूर लेंगे।
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अंग्रेजों के समय में साइमन कमीशन को गो-बैक कहा था अब भाजपा को गो-बैक कहने का समय आ गया है। किसान शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे हैं। 5 सितंबर को यूपी के मुजफ्फरनगर में पांच करोड़ किसान इकट्ठे होकर जोश दिखाएंगे। भारतीय किसान यूनियन हरियाणा के प्रदेश उपाध्यक्ष रामफल कंडेला ने कहा कि हरियाणा में किसानों की 10वीं लड़ाई है। इससे पहले नौ लड़ाई लड़ चुके हैं। सरकार को पिछली बातों से सबक लेना चाहिए। नहीं तो जैसे किसानों ने पिछली सरकार को सबक सिखाया वैसे ही मजदूर-किसान कानून की भाषा समझाएंगे तभी सरकार मांगों को पूरा करेगी। किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए भाजपा-जजपा सरकार से किनारा करने वाले विधायक सोमबीर सांगवान ने मंच से कहा कि बसताडा जैसी घटना लोकतंत्र में आज तक नहीं घटी। अधिकारी के खिलाफ हत्या का केस दर्ज कर जेल भेजना चाहिए। किसान की आज तक कभी हार नहीं हुई। इससे पहले भी बड़े आंदोलनों को किसानों ने जीता है। इस बार ये किसानों को सबसे बड़ा आंदोलन है। सरकार का एक ही काम है जात-पात में बांटने का।
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