सत्य खबर, चण्डीगढ़
हरियाणा में लाल डोरा योजना के तहत सभी तरह की जमीनों को डिजिटल करने के लिए राजस्व विभाग ने अब लालडोरा से बाहर की गई जमीनों के सर्वे की तैयारी पूरी कर ली है इसको लेकर अगले सप्ताह राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक अहम बैठक बुलाई गई है इस बैठक में सर्वे ऑफ इंडिया के अफसरों के अलावा सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहेंगे प्रदेश में लाल डोरा की तकरीबन जमीनों का रिकॉर्ड डिजिटल किया जा चुका है इस सर्वे के पहले चरण में जमीनों की मैपिंग कराई जाएगी।
उसके बाद सही तरीके से डिजिटल रूप दिया जाएगा, बता दें कि हरियाणा में सबसे पहले स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई जिसमें लालडोरा में आने वाली सभी जमीनों का डाटा तैयार कर उनको डिजिटल किया जाएगा। वही अब प्रदेश में लालडोरा में आने वाली जमीनों की खरीद-फरोख्त भी शुरू कर दी जाएगी इस योजना के बाद लाल डोरा से बाहर हुई जमीनों का सर्वे शुरू किया जाएगा।
राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव पी.के दास ने कहा कि लाल डोरा से बाहर की जमीनों का सर्वे करवाने के लिए 17 जनवरी को अहम बैठक बुलाई गई है। इस बैठक के दौरान सर्वे को लेकर सभी रणनीति तैयार की जाएगी कि किस तरह की जमीनों की मैपिंग का काम शुरू किया जाए। दास ने बताया कि वर्ष 2022 में पूरी तरह से जमीनों का रिकॉर्ड डिजिटल कर दिया जाएगा।
प्रदेश में नायब तहसीलदार और तहसीलदारों का होगा प्रमोशन
हरियाणा में तहसीलदार और नायब तहसीलदारों के खाली पड़े पदों को भरने के लिए प्रमोशन प्रक्रिया को अंतिम रूप दिया जाएगा बताया गया कि विभाग में 1 दर्जन से अधिक पद खाली हैं जहां नायब तहसीलदार और तहसीलदारों को बीआरओ के पद पर प्रमोट जाना है
क्या होता है लाल डोरा
लाल डोरा हर गांव में ऐसी भूमि है, जिसका उपयोग आमतौर पर बिना किसी राजस्व रिकॉर्ड के आवासीय उद्देश्यों के लिए किया जाता है. लाल डोरा शब्द का प्रयोग पहली बार 1908 में एक गांव की बस्ती (आबादी) भूमि को परिभाषित करने के लिए किया गया था. इसका उपयोग केवल गैर कृषि उद्देश्यों के लिए किया गया था. लाल डोरा को कृषि भूमि से अलग करने के लिए राजस्व विभाग ग्राम विस्तार भूमि के चारों ओर लाल डोरा निश्चित करता था.
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