सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
हम चले जायेंगे, लेकिन याद करेगा जमाना। ये कुछ पंक्तियां राजकीय कालेज में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर जयपाल आर्य पर फिट बैठती हैं। पर्यावरण प्रेमी यह प्रोफेसर अपने एक पैर से बेशक दिव्यांग हैं, मगर कालेज को हरा-भरा देखना उसके स्वभाव में समाया हुआ है। कभी वे पेड़-पौधों को बीमारी से बचाने के लिए उन पर सफेदी करते देखे जा सकते हैं, तो अब लॉक डाउन में वे नए पौधे लगाने में जुट गए हैं। इस काम में उनकी पत्नी तथा उनके दो-तीन शिष्य उनका हाथ बंटाते है। उनका कहना है कि पेड़-पौधों का हमारे जीवन में बड़ा महत्व है और कोरोना वायरस जैसे विषाणु को भगाने में तो ये औषधी का काम करते हैं, क्योंकि जब आसपास दूषित हवा का गमन ही नहीं होगा, तो पौधों के फलते-फूलते विषाणु अपना दुष्प्रभाव नहीं छोड़ सकते। कॉलेज में पिछले तीन दिनों से पर्यावरण संरक्षण के लिए उनका पौधारोपण कार्यक्रम जारी है। जिनमें छायादार, औषधीय, फलदार एवं फूलदार पौधे शामिल हैं। इस समय उनका ये पौधारोपण समय के सदुपयोग का साक्षी बना भी प्रतीत होता है।
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