सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
इस समय लॉकडाउन के दौरान सभी जनसेवा में जुटे हुए हैं। उनमें से कुछ तो एक केले के साथ कई-कई आदमी फोटो करवा कर भूखों का अपमान कर रहे हैं। लेकिन उस महान गुप्त दानी किसान ने कभी भी अपना फोटो नहीं करवाया और ना ही कोई रसीद ली, जो 24 घंटे और 365 दिन दान ही करता है। यह कथन किसान नेता और जेजेपी के प्रदेश महासचिव रघबीर नैन ने किसानों की दयनीय दशा का वर्णन करते हुए कहे। नैन ने कहा कि जब तक फसल खेतों में है, हर बेजुबान पशु-पक्षी किसान से ही जीवन जीते हैं और फसल घर आने पर गौशाला, धर्मशाला, स्कूल, वृद्ध आश्रम वाले कई तरह के लोग किसानों से ही निरंतर लेते हैं। यहां तक खुद किसान दान करता है और अंत में खुद के खाने के लिए उसे बाद में खरीदना पड़ता है। फिर भी वह किसी को निराश नहीं होने देता। इसलिए समाज और सरकार को चाहिए कि किसानों की इस डांवाडोल स्थिति को समझें। सरकार द्वारा तो इस खुद भूखे अन्नदाता को हर तरह के कर्ज से मुक्ति दिलानी चाहिए। अधिक नहीं तो कम से कम सरल बिक्री प्रक्रिया अपनाकर उसे अपनी फसलों का लाभकारी मूल्य जरूर दिलवाया जाए।
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