जींद, महाबीर मित्तल
आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हरियाणा महिला विकास निगम की ओर से विधवा महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए व्यक्तिगत कारोबार स्थापित करने के लिए बैंकों के माध्यम से 3 लाख रुपए तक का ऋण दिलवाने की योजना शुरू की गई है। यह जानकारी देते हुए डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि इस योजना के तहत महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के लिए व्यक्तिगत कारोबार स्थापित करने के लिए बैंकों के माध्यम से तीन लाख रुपए तक का ऋण दिलवाने की योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत महिलाओं की वार्षिक आय तीन लाख रुपए तक व आयु 18 से 6० वर्ष के बीच होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि बुटीक, सिलाई – कढ़ाई , ई – रिक्शा , मसाला अचार इकाइयां खाद्य प्रसंस्करण, कैरी बैग का निर्माण, बेकरी, रेडीमेड गारमेंट्स इत्यादि तथा अन्य किसी भी कार्य जिसको करने में महिलाएं सक्षम हो उन सभी कार्यों के लिए ऋण दिया जाता है । उन्होंने बताया कि बैंक ऋण के ऊपर लगे ब्याज की प्रतिपूर्ति हरियाणा महिला विकास निगम की ओर से सब्सिडी के रूप में अदा की जाएगी। इसकी अधिकतम सीमा 5० हजार रुपए व अवधि तीन वर्ष जो भी पहले होगी। उन्होंने बताया कि इस संबंध में अन्य किसी जानकारी के लिए महिला विकास निगम के कार्यालय में जाकर संपर्क कर सकते हैं।
हरियाणा सरकार ने महिलाओं के लिए महिला विकास निगम के ऋणों के बकाया ब्याज को माफ करने के लिए वन टाइम सेटलमेंट (ओटीएस) योजना शुरू की है , जिसके तहत महिला लाभार्थी मूल ऋण की पूरी बकाया राशि का भुगतान एकमुश्त या 6 किस्तों में 1 जून 2०22 तक लौटाता है तो उसका सारा ब्याज माफ कर दिया जाएगा। उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने यह जानकारी देते हुए बताया की यह योजना उन महिला ऋणीयों को कवर करेगी जिनका ब्याज 31 मार्च 2०19 को निगम को भुगतान के लिए बकाया है। योजना 31 मार्च 2०19 को डिफॉल्ट रूप से मूल राशि पर लागू होगी, लेकिन उसके बाद भुगतान की गई मूल राशि शामिल नहीं होगी। उन्होंने बताया कि ऋण लेने वालों को 6 महीने के भीतर इसका लाभ उठाने की अनुमति दी जाएगी। यदि ऋणी द्वारा बकाया मूल राशि को एकमुश्त या किश्तों में छ महीने के भीतर चुका दिया जाता है तो वह लाभार्थी महिला ब्याज की 1०० फीसदी छूट के लिए पात्र होगी।
उपायुक्त ने यह भी स्पष्ट किया की छूट का लाभ ऋणी को बकाया मूलधन की अंतिम किश्त के भुगतान के समय राशि दिया जाएगा। ब्याज में छूट केवल उन्हीं कर्जदारों को दी जाएगी जो 6 माह के भीतर पूरी बकाया मूल का भुगतान कर देंगे। योजना के लाभार्थी कम से कम एक वर्ष के अन्तराल के बाद ही भविष्य में एक और ऋण अग्रिम कर सकते है। उन्होंने बताया कि सरकार की योजना 6 महीने तक मान्य होगी और किसी भी आधार पर या किसी न्यायालय के मामले या मध्यस्थता के बहाने योजना की मान्यता अवधि समाप्त होने के बाद किसी भी दावे पर विचार नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया की हरियाणा महिला विकास निगम की ऋणी लाभार्थियों को लाभ देने की इस प्रकिया में राज्य सरकार को आर्थिक हानि उठानी पड़ेगी लेकिन महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया है। डीसी ने सभी लाभार्थियों से आह्वान किया की वे इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं। यह योजना सीमित समय के लिए है। ऐसे में बिना देरी किए इस सौ फीसदी ब्याज माफी योजना का लाभ उठाना चाहिए।
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