सत्यखबर, कुरुक्षेत्र
हरियाणा में हुए शराब घोटाले की जांच पर पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि शराब की तस्करी निरंतर जारी रही। प्रदेश में किसी भी ठेके पर रेट लिस्ट नहीं है। कहने को तो कोरोना टैक्स लगाया गया है, लेकिन कई गुणा रेटों पर बेची जा रही है। इसलिए लॉकडाउन के दौरान हुए शराब की घोटाले की केंद्रीय जांच एजेंसी या फिर उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से जांच कराई जाए। जांच के लिए गठित की गई कमेटी के पास कोई शक्ति नहीं है, सरकार यह नहीं तय पर पा रही है कि कमेटी
एसआईटी है या एसइटी।
धान रोपाई के फैसले को बताया तुगलकी फरमान
पूर्व मुख्यमंत्री सोमवार को कुरुक्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित निजी होटल में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने गेहूं खरीद में खामियों से लेकर धान रोपाई पर जारी किए तुगलकी फरमान और रोजगार छीनने के मुद्दे पर सरकार को घेरा। हुड्डा ने कहा कि पंचायती जमीन पर धान रोपाई न करने का फैसला भी वापस लेना चाहिए, यह समय फैसले लेने का नहीं बल्कि किसान व गरीब जनता की सहायता करने का है। मगर सरकार तुगलकी फरमान जारी कर किसानों को परेशानी बढ़ा रही है। डार्क जोन को खत्म करने के लिए सरकार को भू-जल में सुधार करने की योजना बनानी चाहिए। सरकार परियोजनाओं को सुचारू करने की बजाय उन्हें बंद कर रही है। दादूपुर-नलवी नहर पर 470 करोड़ रुपये खर्च हो गए थे, जिसे बंद कर दिया गया।
गेहूं उठान पर भी की आलोचना
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने 74 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद है, जिसमें से 20 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उठान नहीं हो पाया है। करीब एक महीने के बाद भी किसानों को गेहूं की पेमेंट नहीं हुई है। आढ़ती व किसान परेशान हैं। सरकार ने लॉकडाउन में रोजगार छीनने का काम कर रही है। प्रवासी मजदूरों का पलायन रोकने में भी सरकार नाकाम साबित हो रही है। लॉकडाउन में प्रदेश में बेरोजगारी की दर 28 प्रतिशत से बढ़कर 43 प्रतिशत पर पहुंच गई है। सरकार कोरोना योद्धाओं यानि सफाई कर्मियों से लेकर पर्यटन कर्मी, होमगार्ड, पीटीआई सहित अन्य महकमों में कर्मचारियों को हटा रही है।
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