अब आरोपियों पर इनाम घोषित करने और संपत्ति अटैच कराने की शुरू होगी कार्रवाई
आबकारी विभाग के पूर्व अनुबंधित कर्मचारी सुनील की अग्रिम जमानत स्वीकृत
आरोपी धीरेंद्र के मोबाइल की डिटेल निकालकर रिकार्ड खंगालेगी पुलिस
सोनीपत। खरखौदा शराब तस्करी, चोरी व भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त इंस्पेक्टर जसबीर व भूपेंद्र के भाई जितेंद्र समेत चार आरोपियों को भगोड़ा घोषित कर दिया गया है। अब एसआईटी इन पर इनाम घोषित कराने और इनकी संपत्ति अटैच कराने की प्रक्रिया शुरू करेगी। वहीं मामले में आरोपी आबकारी विभाग के पूर्व अनुबंधित कर्मचारी सुनील की अग्रिम जमानत न्यायालय ने स्वीकार कर ली है। उधर, आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र ने भूपेंद्र के साथ संलिप्तता कबूल की है।पुलिस अब उसके मोबाइल की डिटेल निकालकर अन्य की भूमिका की जांच करेगी। खरखौदा में शराब गोदाम से शराब चोरी करके लॉकडाउन के दौरान बेच दी गई थी। इसके मुख्य आरोपी भूपेंद्र और खरखौदा के एसएचओ रहे जसबीर सिंह की संलिप्तता सामने आई थी। इसके साथ ही गोदाम की आड़ में कई साल से शराब की तस्करी की जा रही थी। इस मामले में खरखौदा थाने में तीन एफआईआर दर्ज की गई थी। इनमें भूपेंद्र, उसका भाई जितेंद्र और दो अन्य साथी, खरखौदा थाने एसएचओ रहे जसबीर सिंह तथा अन्य नामजद हुए थे। इस मामले की जांच प्रदेश स्तरीय एसईटी, मंडल स्तरीय एसआईटी और खरखौदा पुलिस कर रही हैं। मामले में भूपेंद्र ने सरेंडर किया था। बाद में एएसआई जयपाल को गिरफ्तार किया गया। अब आबकारी विभाग के निरीक्षक धीरेंद्र को पकड़ा गया था। खरखौदा पुलिस ने मामले में जसबीर समेत चार आरोपियों के फरार होने की जानकारी न्यायालय को दी। एसआईटी के अनुसार न्यायालय ने बर्खास्त पुलिस इंस्पेक्टर जसबीर, भूपेंद्र के भाई जितेंद्र, उनके साथी सतीश झरोठ और संजय सिंह के भगोड़ा घोषित किया। जिसके बाद अब इनकी संपत्ति अटैच करने और पुरस्कार घोषित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
सुनील की अग्रिम जमानत मंजूर
न्यायालय ने आबकारी विभाग के पूर्व अनुबंधित कर्मचारी सुनील की अग्रिम जमानत याचिका स्वीकार कर ली है। उसको जांच में सहयोग करने की हिदायत दी गई है। एसआईटी ने सुनील को जांच में शामिल कर लिया है।
धीरेंद्र ने भूपेंद्र के साथ संलिप्तता कबूली
आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र ने खरखौदा शराब तस्करी के आरोपी भूपेंद्र के साथ अपनी संलिप्तता कबूल की है। उसने शराब पकड़ने के बाद मुकदमा दर्ज नहीं करने की बात भी कबूल की है। अभी एसआईटी धीरेंद्र से मंगलवार को भी पूछताछ करेगी। आरोप है कि शराब पकड़ने पर उसने भूपेंद्र के कहने पर उसके ही गोदाम में रखवा दिया था। आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र ने शराब तस्कर भूपेंद्र से अपने संबंध स्वीकार किए हैं। सीआईए गोहाना प्रभारी नरेंद्रपाल ने बताया कि मामले में अन्य की संलिप्तता का पता लगाने के लिए धीरेंद्र के मोबाइल रिकार्ड की जांच कराई जाएगी।
एसईटी ने आबकारी अधिकारी को किया तलब, रिकॉर्ड मंगाया
खरखौदा शराब घोटाले की जांच के लिए गठित एसईटी ने सोमवार को आबकारी विभाग के एईटीओ को रिकॉर्ड के साथ तलब किया है। एईटीओ केसी कंबोज से एसईटी की ओर से पूछताछ की गई। चंडीगढ़ में यह पूछताछ कई घंटों तक चली। जानकारी के अनुसार, अंतरराज्यीय तस्कर भूपेंद्र को शराब की सप्लाई पंजाब की डिस्टलरी से की जाती थी। वह तस्करी की शराब अपने उस गोदाम में रखता था, जो आबकारी विभाग में पंजीकृत था। भूपेंद्र से तस्करी की शराब पकड़ने के बावजूद आबकारी विभाग के अफसरों ने भूपेंद्र के ही गोदाम में सील किया था। यहां तक तस्करी की शराब के ट्रकों को कहीं पर रोका नहीं जाता था। इन तथ्यों के सामने आने के बावजूद आबकारी विभाग के अफसर खुद को बचाने में लगे थे। पुलिस पूछताछ में भूपेंद्र ने आबकारी विभाग से मिलीभगत के राज खोलने शुरू किए तो अफसरों में हड़कंप मच गया। आबकारी विभाग के इंस्पेक्टर धीरेंद्र को एसआईटी ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया। वह साढ़े तीन साल तक सोनीपत में तैनात रहा था। अब वह फतेहाबाद में पोस्ट था। आबकारी इंस्पेक्टर धीरेंद्र की गिरफ्तारी से विभाग में हड़कंप मच गया है। ऐसे में एसईटी ने विभाग के एईटीओ को रिकॉर्ड सहित सोमवार को चंडीगढ़ तलब किया। उसने शराब घोटाले के संबंध में कई बिंदुओं पर जानकारी मांगी गई है।
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