सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – नगर की नई अनाज मंडी में शनिवार को व्यापारी चांद राम के प्रतिष्ठान पर नगर के गण्यमान्य लोगों को ने त्रिवेणी लगाई। इस मौके पर त्रिवेणीमैन सतीश शर्मा विशेष रूप से मौजूद थे। अपने संबोधन में सतीश शर्मा ने कहा कि शास्त्रानुसार त्रिवेणी पूजनीय व वंदनीय है। त्रिवेणी की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है। त्रिवेणी में बड़, पीपल और नीम के पौधे लगाए जाते हैं। इनसे हमें कई जड़ी बूटियां प्राप्त होती हैं।
नीम का पौधा कई बीमारियों को दूर करने में सहायक होता है। उन्होंने कहा कि त्रिवेणी लगाने से व्यक्ति को सैंकड़ों यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। केवल इतना ही नहीं भारतीय संस्कृति में एक पेड़ लगाना, सौ गायों का दान देने के समान माना गया है। प्रकृति समस्त जीवों के जीवन का मूल आधार है। प्रकृति का संरक्षण एवं संवर्धन जीव जगत के लिए बेहद ही अनिवार्य है। प्रकृति पर ही पर्यावरण निर्भर करता है। गर्मी, सर्दी, वर्षा आदि सब प्रकृति के सन्तुलन पर निर्भर करते हैं। यदि प्रकृति समृद्ध एवं सन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी अच्छा होगा और सभी मौसम भी समयानुकूल सन्तुलित रहेंगे।
यदि प्रकृति असन्तुलित होगी तो पर्यावरण भी असन्तुलित होगा और अकाल, बाढ़, भूस्खलन, भूकम्प आदि अनेक प्रकार की प्राकृतिक आपदाएं कहर ढाने लगेंगी। प्राकृतिक आपदाओं से बचने और पर्यावरण को शुद्ध बनाने के लिए पेड़ों का होना बहुत जरूरी है और इस कार्य में त्रिवेणी अपनी अहम भूमिका निभाती है। वेदों-पुराणों और शास्त्रों में भी पेड़ों के महत्व को समझाने के लिए विशेष जोर दिया गया है। पुराणों में स्पष्ट तौर पर लिखा है कि एक पेड़ लगाने से उतना ही पुण्य मिलता है, जितना कि दस गुणवान पुत्रों से यश की प्राप्ति होती है।
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