सत्य खबर,इंडिया
शाहरुख खान की 20 साल की बेटी सुहाना खान ने उनके साथ हुए रंगभेद को लेकर दर्द बयां किया है। सुहाना के मुताबिक, जब वे 12 साल की थीं, तब उनकी स्किन टोन की वजह से उन्हें बदसूरत कहा गया था। उन्होंने सोशल मीडिया पर इसे लेकर लंबी पोस्ट लिखी है और कहा है कि बहुत जरूरी है कि रंगभेद के मुद्दे को फिक्स किया जाना चाहिए।
यह है सुहाना की पोस्ट:
सुहाना ने अपनी पोस्ट में लिखा है- इस वक्त बहुत सी चीजें चल रही हैं और यह एक मुद्दा है, जिसे हमें फिक्स करने की जरूरत है। यह सिर्फ मेरे बारे में नहीं है। यह हर युवा लड़की/लड़के के बारे में है, जो बिना किसी कारण हीन भावना से ग्रस्त होकर बड़े हुए हैं। यहां मेरे अपीयरेंस को लेकर सिर्फ कुछ कमेंट हैं।
जब मैं 12 साल की थी, तब मुझे मेरी स्किन टोन की वजह से पूरी तरह वयस्क हो चुके पुरुषों और महिलाओं द्वारा बदसूरत कहा गया था। बावजूद इसके कि वे असल में एडल्ट थे। दुखद यह है कि हम सभी भारतीय हैं, जो हमें ऑटोमैटिकली ब्राउन बनाता है।
जी हां हम अलग-अलग रंगों से आते हैं। लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप मेलानिन से खुद को दूर करने की कितनी कोशिश करते हैं। बस आप नहीं कर सकते। अपने ही लोगों से नफरत करने का यह मतलब है कि आप दर्द से असुरक्षित हैं।
मुझे खेद है, अगर सोशल मीडिया, भारतीय मैचमेकिंग और यहां तक कि आपके अपने परिवार वाले आपको कहते हैं कि अगर आपकी हाइट 5″7 नहीं है और आप फेयर नहीं हैं तो आप खूबसूरत नहीं हैं। मुझे उम्मीद है कि यह जानने में आपको मदद मिलेगी कि मेरी हाइट 5″3 है और मेरा रंग ब्राउन है और मैं इसे लेकर बहुत खुश हूं और आपको भी होना चाहिए।
शॉर्ट फिल्म में दिख चुकीं सुहाना
सुहाना ने पिछले साल नवंबर में ‘द ग्रे पार्ट ऑफ ब्लू’ में काम किया था। अंग्रेजी में बनी इस 10 मिनट की शॉर्ट फिल्म में सुहाना की परफॉरमेंस काफी सराही गई थी और उनके बॉलीवुड डेब्यू को लेकर उत्सुकता जाग गई थी।
हालांकि, शाहरुख ने कहा था कि फिल्मों में कदम रखने से पहले सुहाना अपनी पढ़ाई पूरी करेंगी। रिपोर्ट्स की मानें सुहाना अभी लंदन में फिल्म मेकिंग का कोर्स कर रही हैं। कोर्स पूरा होने के बाद वो एक्टिंग में करियर बनाएंगी। उन्होंने फिल्म ‘जीरो’ में अपने पिता शाहरुख खान को असिस्ट किया था।
Scrap copper suppliers Copper scrap recycling infrastructure Scrap metal market competition
Export of Copper cable scrap for recycling, Metal waste refabrication, Copper scrap sustainability certification