सत्यखबर,कुरुक्षेत्र
पढ़ाई छोड़ चुके बच्चों को शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले दोबारा स्कूल में लाने के प्रयास शुरू हो गए। हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से कोविड-19 या अन्य किसी कारण से स्कूलों से दूर हुए विद्यार्थियों का दाखिला दोबारा स्कूल में करवाने के लिए जिलेभर में सर्वे किया गया। 841 ऐसे विद्यार्थियों का डाटा तैयार किया है, जो अलग-अलग कारणों से स्कूल छोड़ चुके हैं। सर्वे के दौरान अभिभावकों को इन बच्चों को दोबारा स्कूल में दाखिल करवाने के लिए राजी भी किया गया। अब इन सभी विद्यार्थियों का आगामी शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही पास लगते स्कूल में दाखिला होगा।
शिक्षकों की ओर से करीब 20 दिन लगाकर इस सर्वे को पूरा किया गया है। 25 से कम छात्र संख्या होने के कारण जिलेभर के 88 स्कूलों पर मर्ज होने की तलवार लटकी है। ऐसे में यह सर्वे उन स्कूलों के लिए संजीवनी बूटी का काम कर सकता है जहां पर छात्र संख्या 20 के करीब है और इस सर्वे में पांच से अधिक विद्यार्थी उस स्कूल के क्षेत्र के आसपास के निकलकर सामने आए हैं। शिक्षा के अधिकार कानून के अनुसार पहली से 5वीं कक्षा के विद्यार्थी को एक किलोमीटर के दायरे में स्कूल उपलब्ध करवाया जाना है। इन 88 स्कूलों में से कई स्कूल ऐसे हैं जिनके मर्ज होने से विद्यार्थियों की स्कूल से दूरी एक किलोमीटर से अधिक बढ़ जाएगी।
नर्सरी के विद्यार्थी भी हों छात्र संख्या में शामिल
राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला प्रधान राजेंद्र टंडन व प्रवक्ता सूबे सिंह सुजान ने कहा कि नर्सरी के विद्यार्थियों को भी छात्र संख्या में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब नर्सरी कक्षा से बच्चा राजकीय स्कूलों में आएगा तो वह आगे भी राजकीय स्कूल में ही पढ़ेगा। वहीं अगर एक बार बच्चा प्राइवेट स्कूल में चला जाता है तो फिर उसे राजकीय स्कूल में ला पाना मुश्किल होता है। टंडन ने सवाल उठाया कि जब नर्सरी के विद्यार्थियों को भी शिक्षक उतनी ही मेहनत से पढ़ाते हैं तो उन्हें छात्र संख्या में शामिल क्यों नहीं किया जाता?। सर्व शिक्षा अभियान के जिला परियोजना अधिकारी रामदिया गागट ने बताया कि शिक्षकों की ओर से किए गए सर्वे में जिलेभर में 841 स्कूल छोड़ चुके बच्चों का डाटा तैयार किया गया था। इस डाटा को आगामी कार्रवाई के लिए विभाग को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि आगामी शैक्षणिक सत्र में इन सभी बच्चों को राजकीय स्कूलों में दाखिल करने का काम करवाया जाएगा। ताकि सभी बच्चे पढ़ाई करके शिक्षित बन सकें।
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