सत्यखबर
शिव भक्तों के लिए सावन की शिवरात्रि का एक विशेष महत्व होता है, मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने और पूजा करने वाले लोगों की सारी समस्याएं दूर होती हैं. कहा जाता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है. और विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं. इस दिन भगवान शिव की आराधना कर महावरदान की प्राप्ति की जा सकती है।आज सावन की मासिक शिवरात्रि है. शिवरात्रि के दिन पूजा-अर्चना से भोलनाथ बहुत जल्द प्रसन्न होते हैं. जो भक्त आज पूरी श्रद्धा से शिवलिंग का अभिषेक करते हैं महादेव उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस दिन भगवान शिव की आराधना कर महावरदान की प्राप्ति की जा सकती है.
मासिक शिवरात्रि की पूजन विधि- स्नान करने के बाद पीले या सफेद रंग के साफ वस्त्र धारण पहनें. पूजा वाली जगह पर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और भगवान शिव के वाहन नंदी की प्रतिमा स्थापित करें और उनकी पूजा करें. मासिक शिवरात्रि की पूजा में शिव परिवार को पंचामृत से स्नान कराया जाता है. पूजा में बेल पत्र, फल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य और इत्र जरूर शामिल करें. इस दिन व्रत करने वालों को शिव पुराण या शिवाष्टक का पाठ अवश्य करना चाहिए. पूजा का समापन शिव आरती के साथ करें. मासिक शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का बहुत महत्व होता है. शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है।
सावन माह के चतुर्दशी तिथि का प्रारम्भ 6 अगस्त दिन शुक्रवार को शाम 06 बजकर 28 मिनट पर हो रहा है. इसका समापन अगले दिन 7 अगस्त दिन शनिवार को शाम 07 बजकर 11 मिनट पर होगा. शिवरात्रि में रात्रि पूजा का महत्व होता है. इसलिए सावन माह की शिवरात्रि 06 अगस्त को मनाई जाएगी.रात्रि प्रहर में पूजा के मुहूर्तआचार्य कमल दूबे ने बताया कि इसवर्ष शिवरात्रि को निशिता काल पूजा का समय रात्रि 12 बजकर 06 मिनट से रात्रि 12 बजकर 48 मिनट तक लगभग 43 मिनट तक रहेगा. इसके अतिरिक्त रात्रि प्रहर में और भी मुहूर्त हैं, जो इस प्रकार है।
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जो शिव भक्त शिवरात्रि का व्रत रखेंगे वे पारण अगले दिन करेंगे. व्रत 6 अगस्त को रखा जायेगा और पारण 7 अगस्त को प्रात: 05 बजकर 46 मिनट से दोपहर 03 बजकर 47 मिनट के मध्य कभी कर सकते हैं.ऐसे करें भगवान शिव की पूजाभगवान भोलेनाथ की पूजा 6 अगस्त शाम से प्रारम्भ करनी चाहिए और रात्रि के चारों प्रहर में अलग-अलग चार बार शिव परिवार की पूजा व भोलेबाबा का अभिषेक करना चाहिए. भोले बाबा को पंचामृत स्नान, दुग्ध स्नान, शहद स्नान, घृत स्नान, जल स्नान कराके बिल्वपत्र, भांग, धतूर, सफेद, पुष्प, फल, मिठाई इत्यादि को समर्पित करके बाबा से प्रार्थना करनी चाहिए कि आप और आपके परिवार की कृपा हमारे ऊपर बनी रहे और जीवन में धन-धान्य सुख समृद्धि, पुत्र-पौत्र इत्यादि की सम्पन्नता प्राप्त होती रहे।
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