सत्य खबर,नई दिल्ली
कृषि कानूनों के विरोध में किसानों ने सोमवार से मानसून सत्र के दौरान संसद के बाहर प्रदर्शन करने का ऐलान किया हुआ है। किसानों के प्रस्तावित विरोध प्रदर्शन को लेकर दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने रविवार को सिंघु बॉर्डर के पास किसान नेताओं के साथ बैठक की। दिल्ली पुलिस चाहती है कि किसान अपने प्रदर्शन को किसी और जगह पर शिफ्ट करें।
दिल्ली पुलिस के साथ हुई बैठक पर किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि पुलिस से बात हुई। हमने पुलिस से कहा है कि 22 जुलाई को 200 लोग संसद जाएंगे और वहां किसान संसद चलाएंगे। हमने संसद के घेराव की बात कभी नहीं कही। हमें उम्मीद है कि हमें अनुमति मिलेगी। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा ने घोषणा की है कि 19 जुलाई से शुरू होने वाले आगामी संसद सत्र के दौरान किसान संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। वहीं 22 जुलाई से हर दिन एसकेएम से जुड़े प्रत्येक संगठन के पांच लोग संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
वहीं संसद का आगामी मानसून सत्र कल से शुरू हो रहा है। किसान नेता राकेश टिकैत के मुताबिक संसद सत्र के दौरान हर दिन 200 किसान संसद जाएंगे। टिकैत ने संसद के बाहर होने वाले किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर पोस्टर भी जारी कर दिए हैं। टिकैत ने पोस्टर जारी करते हुए कहा था संसद अगर अहंकारी और अडियल हो तो देश में जनक्रांति निश्चित होती है।
संयुक्त किसान मोर्चा ने विपक्षी दलों को यह सुनिश्चित करने के लिए भी पत्र लिखेगा कि वे सक्रिय रूप से किसानों की मांगों को उठाएं। किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि संसद सत्र के दौरान हर दिन 200 किसान संसद जाएंगे। किसान बसों और अपनी गाडिय़ों से संसद जाएंगे। शाम को संसद सत्र समाप्त होगा। तब किसान संसद से वापसी करेंगे और अगले दिन फिर संसद जाएंगे।
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ये सिलसिला मानसून सत्र समाप्त होने तक जारी रहेगा। राकेश टिकैत से सवाल किया गया कि क्या वह भी प्रदर्शन में शामिल होंगे, तो उनका कहना था कि जो भी संयुक्त किसान मोर्चा तय करेगा, उसका पालन किया जाएगा। राकेश टिकैत ने साफ कर दिया है कि संसद के बाहर किसानों का प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण रहेगा।
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