सत्यखबर, इसराना
इसराना के एक गांव में सगी बहनों की शादी करनाल के एक गांव वासी सगे भाइयों से हो रही थी। बरात पहुंच चुकी थी। जिला महिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी रजनी गुप्ता को बाल विवाह की सूचना मिली। मौके पर पहुंचकर जांच की गई तो छोटी लड़की नाबालिग मिली। उसके विवाह को रुकवाया गया। उधर, लड़का पक्ष के व्यक्ति ने खुद को सामाजिक संगठन का सदस्य, प्रदेश के नेताओं से रसूख बताकर कार्रवाई का विरोध किया। दोनों पक्षों को भड़काया, इस कारण टीम ने कागजी कार्यवाही उरलाना पुलिस चौकी में की। एक की शादी हो गई, दूसरी की रुक गई। रजनी गुप्ता ने बताया कि एक गांव में दिव्यांग दंपती की दो लड़कियां, एक लड़का है। महिला गृहिणी और पुरुष मजदूर है। दोनों बेटियां कक्षा 10 तक पढ़ी हैं। बड़ी की जन्मतिथि 17-7-2001 और छोटी की 23-6-2005 है। छोटी बेटी नाबालिग होने के कारण उसका विवाह रुकवाया तो लड़के पक्ष के एक व्यक्ति (खुद को लड़कों का बड़ा भाई बताया) ने हंगामा किया। बड़े नेताओं से पहचान बताकर टीम को दबाव में लेने का प्रयास किया। दोनों पक्षों क लोगों को भी भड़काया। टीम को धमकी दी कि शादी होने दें, वरना अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहें।
ये भी पढ़ें… पंचायत चुनाव को तैयार सरकार, जानिए फिर क्यों टल रहे इलेक्शन
हंगामा बढ़ता देख दोनों पक्षों को उरलाना पुलिस चौकी लाया गया।वहां लड़की के पिता ने शपथ-पत्र दिया कि बेटी की शादी 18 साल की होने पर ही करूंगा। शपथ-पत्र पर पूर्व सरपंच सहित कई लोगों के हस्ताक्षर कराए गए। लड़कों को 14 अक्टूबर को कार्यालय में बुलवाया गया है। हो सकता है मुकदमा दर्ज
रजनी गुप्ता ने बताया कि कार्यवाही में बाधा डालने, लोगों को भड़काने वाले व्यक्ति सहित दोनों पक्षों को कार्यालय में पेश होने के निर्देश दिए गए हैं। उस व्यक्ति ने गलती को स्वीकार करते हुए क्षमा नहीं मांगी तो कार्य में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। गुपचुप नाबालिग की शादी की तो भी बरात लेकर पहुंचे दोनों लड़कों सहित दोनों पक्षों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज होगा।
Aluminum recycling regulations Aluminium recycling regulations and compliance Metal waste transportation services