सत्यखबर चंडीगढ़
रोहतक के अपना घर अनाथालय में दुष्कर्म और शोषण के मामले में दोषी अनाथालय की संचालिका जसवंती देवी ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपनी सजा निलंबन करने की मांग की है। याचिका में स्वास्थ्य कारण व कोरोना के चलते सजा पर रोक का आग्रह किया गया है। यह मामला हाई कोर्ट के जस्टिस राजन गुप्ता की डिविजन बेंच के सामने सुनवाई के लिए आया तो जस्टिस राजन गुप्ता ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस मामले पर सुनवाई से इंकार कर दिया। जस्टिस गुप्ता ने मामला चीफ जस्टिस को रेफर करते हुए आग्रह किया कि इस केस को ऐसी बेंच के सामने लिस्ट किया जाए जिसमें जस्टिस राजन गुप्ता सदस्य न हों।
इस के साथ उन्होंने मामले की सुनवाई 27 जुलाई तक स्थगित कर दी।इस मामले में पंचकूला की सीबीआइ कोर्ट ने 27 अप्रैल 2018 को 9 दोषियों को सजा सुनाई थी। अनाथालय की संचालिका जसवंती देवी,उसके दामाद जय भगवान और ड्राइवर सतीश को कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी। संचालिका के भाई जसवंत को 7 साल की सजा सुनाई गई। बता दें कि 2012 में इस अनाथालय से 103 लड़कियों को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने मुक्त कराया था। सीबीआइ के सामने 12 लड़कियों ने दुष्कर्म, यौन शोषण और गर्भपात करवाए जाने जैसे गंभीर आरोप लगाए थे।
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