सत्यखबर सफीदों (महाबीर मित्तल) – सफीदों ब्लाक के सरपंचों ने बीडीपीओ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और बीडीपीओ की गिरफ्तारी व तबादले की मांग को लेकर अनिश्चितकाल के लिए वर्क सस्पैंड कर दिया है। बता दें कि सफीदों खंड के सरपंचों ने बीडीपीओ के खिलाफ सफीदों थाना में शिकायत भी दर्ज करवाई है। सोमवार को नगर के बीडीपीओ कार्यालय में खंड सफीदों के सरपंचों की बैठक हुई। इस बैठक में बतौर मुख्यातिथि सरपंच एसोसिएशन हरियाणा के अध्यक्ष सुरेंद्र राणा ने शिरकत की और बैठक की अध्यक्षता सफीदों ब्लाक सरपंच एसोसिएशन के अध्यक्ष अजीतपाल सिंह ने की। बैठक में सरपंचों ने अपनी बात रखते हुए कहा कि बीडीपीओ द्वारा उनसे हर काम के बदले पैसे मांगे जाते हैं।
हालात इतने खराब हो चुके हैं कि बीडीपीओ के घर का सामान भी सरपंचों को लाकर देना पड़ रहा है। आए दिन सरपंचों को घर के राशन तक की पर्ची थमा दी जाती है। जिन सरपंचों द्वारा उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता उनके खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी जाती है। यहां तक कि सरपंचों को बीडीपीओ द्वारा एससीएसटी में मुकद्दमा दर्ज करवाने की बात भी कही जाती है। बैठक में बागडू खुर्द के सरपंच सुंदर सिंह ने बताया कि बीडीपीओ द्वारा उसे गांव के पास सडक़ पर लोगों के सामने बेइज्जत किया गया। उसे धक्का मारकर गिराया गया और उसे बीडीपीओ द्वारा एससीएसटी एक्ट लगाकर मुकद्दमें में फंसाने की धमकी दी गई। बैठक में उपस्थित सरपंचों ने एक स्वर में बीडीपीओ के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की मांग उठाई।
वहीं उन्होंने फैसला लिया कि जब तक बीडीपीओ के खिलाफ मामला दर्ज नहीं जाता और उसका तबादला नहीं किया जाता तब तक सभी सरपंच अपना अनिश्चितकालीन वर्क सस्पैंड रखेंगे। अपने संबोधन में सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र राणा ने कहा कि बीडीपीओ सफीदों द्वारा यहां के सरपंचों का लगातार शोषण किया जाना, उन्हे डरा धमकाकर पैसे की वसूली करना, सरपंचों द्वारा जब पैसे देने से इंकार करने पर उन पर एससीएसटी एक्ट लगावाने की धमकी देने को एसोसिएशन कतई सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि सरपंच संपूर्ण गांव द्वारा चुना गया जनप्रतिधि होता है। सरपंच का काम अपने गांव का विकास करवाना होता है नाकि किसी अधिकारी या कर्मचारी के घर का सामान ढोना होता है। किसी अधिकारी द्वारा जनप्रतिनिधि को तंग करते हुए पैसे मांगना और ना देने की एवज में मुकद्दमा दर्ज करवाने की धमकी देना अति निंदनीय है।
उन्होंने सरकार से मांग की कि उक्त अधिकारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने सरपंचों के द्वारा लिए गए अनिश्चितकालीन वर्क सस्पैंड के फैसले पर मोहर लगाते हुए कहा कि अगर सरकार व प्रशासन ने इस दिशा में कड़ा कदम नहीं उठाया तो इस मामले में पूरे प्रदेश के सरपंच लामबंद हो सकते हैं। इस मौके पर मुख्य रूप से सरपंच सतीश सांगवान जयपुर, सतीश सिवानामाल, राजकुमार मलार, अमित बसीनी, सुभाष सैनी सिंघपुरा, संदीप बहादुरपुर, शेर सिंह रामपुरा, हरविंद्र छाप्पर, दीपक शर्मा बड़ौद, सुंदर सिंह बागड़ू, विजेंद्र हाट, पवन मान पाजू, दिलबाग सरफाबाद, विजय करसिंधू, सुल्तान खातला, सोमबीर अंटा, गुरपेज आफताफगढ़, सुखबीर मुआना, मस्तान सिंह मलिकपुर व महेंद्र ऐंचरा सहित अन्य सरपंच मौजूद थे।
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