सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
आशा वर्कर्स यूनियन संबंधित सीटू एवं सर्व कर्मचारी संघ के आह्वान पर ब्लॉक की आशा वर्करों ने दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल के पहले दिन बढ़-चढ़कर भाग लेते हुए सरकार की जनविरोधी नीतियों के विरुद्ध कड़ा रोष प्रकट किया। सीटू के जिला प्रधान का. सतबीर खरल और आशा वर्कर्स यूनियन की जिला सहसचिव जगवंती चौपड़ा ने संयुक्त रूप से अपने संबोधन में कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार संकट को अवसर में बदलने की आड़ में भयंकर शोषण करने में लगी हुई है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी से लडऩे के लिए सबसे पहली कतारों में लगे वर्करों को जी-जान से मेहनत करने के बावजूद पूर्ण सुरक्षा नहीं दी जा रही हैं। बार-बार मांग-पत्र भेजने पर भी मांगों की तरफ ध्यान नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य मांगों में सभी परियोजना कर्मियों को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, समान काम समान वेतन देने, न्यूनतम वेतन 21000/- रुपये करने, आशाओं को 4 हजार रूपये जोखिम भत्ता देने, 21 जुलाई को जारी किए नोटिफिकेशन के बचे हुए समझौते को लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि मांगों का समाधान नहीं किया, तो आगामी 9 अगस्त को राष्ट्रव्यापी सत्याग्रह एवं जेल भरो कार्यक्रम में भी सभी आशा वर्कर्स भाग लेंगी। इस अवसर पर कमलेश, पूनम, मोना, मंजू, आशा, सुषमा, उपवन और गीता आदि ने भी अपने विचार रखे।
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