सत्यखबर,दिल्ली
ओलंपियन सुशील कुमार बुधवार को देर रात मंडोली जेल पहुंचा सुशील काफी डरा और सहमा हुआ था। जेल प्रशासन ने उसे खाने के लिए दिया लेकिन उसने खाना खाने से इंकार कर दिया। अगले दिन यानि बृहस्पतिवार को काफी भावुक हो गया। जेल प्रशासन ने उसे फोन पर अपने परिजनों से बातचीत करने की इजाजत दी। बता दें कि चार मई की रात सागर धनखड़ की हत्या की घटना के बाद से सुशील एक जगह से दूसरी जगह भाग रहा था। इस दौरान उसे अपने परिवार वालों से बात करने का मौका नहीं मिला था।
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जेल सूत्रों का कहना है कि जेल से अपने घर पर बात करने के दौरान सुशील काफी भावुक हो गया। उसके आंख से आंसु निकलने लगे। हालांकि सुशील ने खुद को संभालने की कोशिश की। दस से पंद्रह मिनट के बीच हुई बातचीत के दौरान सुशील ने परिवार के सदस्यों का हालचाल पूछा। जेल अधिकारियों ने बताया कि कोरोना महामारी को लेकर अभी कैदियों को उनके परिजनों से मुलाकात बंद है। ऐसे में कैदियों को फोन से सप्ताह में दो दिन बात करने की अनुमति दी गई है। बृहस्पतिवार को नियम के मुताबिक सुशील को भी उसके परिवार वालों से बात करवाई गई।
जेल सूत्रों का कहना है कि रात में सुशील को जेल में नींद नहीं आई। वह काफी देर तक करवटें बदलता रहा और किसी बात को लेकर मंथन करता हुआ नजर आया। हालांकि सुबह से जेल की दिनचर्या में सुशील जुट गया। जेल में कुछ देर के लिए उसने व्यायाम भी किया।
गौरतलब यह है कि बुधवार को अदालत ने सुशील को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। जिसके बाद पुलिस ने उसका मेडिकल कराया और देर रात उसको लेकर मंडोली जेल पहुंची। पहलवान सुशील कुमार को जेल जाने से डर रहा था। पुलिस सूत्रों का कहना है कि सुशील गुहार लगा रहा था कि उसकी रिमांड को कुछ और दिन बढ़वा लिया जाए।
दरअसल, सुशील को डर है कि जेल में काला जठेड़ी के गुर्गे उसे निशाना बना सकते हैं। ऐसे में वह चाहता था कि गैंग से समझौता होने के बाद ही वह जेल जाता। सूत्रों का कहना है कि पुलिस सुशील की और रिमांड लेने की बात से इनकार कर रही थी, लेकिन बुधवार को चार दिन की अतिरिक्त रिमांड पूरी होने के बाद उसे कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस ने सुशील की तीन दिन की और रिमांड मांगी। लेकिन कोर्ट ने पुलिस की दलील को नहीं सुना और उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
क्या है पूरा मामला?
आपको बता दें कि दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में 4 मई की रात दिल्ली के मॉडल टॉउन थाने के इलाके में पहलवान सुशील और उसके साथियों ने एक फ्लैट से सागर और उसके दोस्तों का अपहरण किया। फिर छत्रसाल स्टेडियम में ले जाकर उनकी बेरहमी से पिटाई की। इसमें सागर बुरी तरह घायल हो गया था। इलाज के दौरान सागर की मौत हो गई थी। वारदात के बाद पुलिस को स्टेडियम का एक सीसीटीवी फुटेज भी हाथ लगा है। सीसीटीवी फुटेज में सुशील 20-25 पहलवानों और असौदा गिरोह के बदमाशों के साथ सागर धनखड़ और दो अन्य को पीटता दिखा है। सभी लोग सागर को लात-घूंसों, डंडों, बैट व हॉकी से मारते दिख रहे हैं। फुटेज में सुशील सागर व दो अन्य पीड़ितों पर हॉकी चलाता भी दिखा है। सभी पहलवान और बदमाश स्टेडियम के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गए थे।
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