साधु के वेश में रावण का सीता हरण के प्रसंग ने किया रोमांचित
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
श्रीरामा भारतीय कला केंद्र के तत्वावधान में हुडा ग्राउंड में चल रही रामलीला आठवें दिन चरम बिंदु पर पहुंच गई। गौशाला प्रधान ओम प्रकाश मित्तल व पूर्व पार्षद रोहताश सिंगला ने रिबन काटकर रामलीला का उद्घाटन किया। ओम प्रकाश मित्तल ने अपने संबोधन मे कहा कि रामलीला प्राचीन गौरवमयी संस्कृति की संवाहक है। नई पीढ़ी रामायण के आदर्श पात्रों से प्ररेणा लें। कमेटी संरक्षक लक्ष्मण देव आर्य व प्रधान भारत भूषण गर्ग ने मुख्य अतिथियों को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। आज के प्रमुख प्रसंगों में शूर्पणखा-रावण संवाद, रावण-मारिच संवाद, मारिच का स्वर्ण मृग बनकर माया रचना, सीता-लक्ष्मण संवाद, मारिच वध व सीता हरण प्रमुख रहे। शूर्पणखा के अपमान का प्रतिशोध लेने के लिए रावण मारिच को स्वर्ण मृग बनने के लिए कहता है। सीता उस मृग की इच्छा जताती है, पहले राम और फिर लक्ष्मण मृग के पीछे जाते है। लक्ष्मण जाने से पहले रेखा खींचता है और सीता को उससे बाहर जाने के लिए मना करता है। साधु के वेश में रावण सीता को उकसा कर उसका हरण कर लेता है। रावण की भूमिका में वेद अरोड़ा, मारिच की भूमिका मे रामनिवास जैन, भीलनी की भूमिका में श्याम शर्मा ने पात्रो के साथ न्याय करते हैं। हजारों की संख्या में उमडी दर्शकों की भीड ने कलाकारों का उत्साह बढाया। इस अवसर पर भारतभूषण गर्ग, अचल मित्तल, असीम राणा, संजीव गोयल, राजेन्द्र शर्मा, कृष्ण काका, खजांची बाता, ऊषा मित्तल, संतोष गर्ग, राजेश कोविंद आदि लोग उपस्थित थे।