हरियाणा सरकार की ओर से गठित की गई स्टेट लेवल कमेटी के न्योते पर किसानों ने बैठक में जाने से इंकार कर दिया है. इस न्योते को लेकर पंजाब की 32 जत्थेबंदियों की शनिवार को सोनीपत में कई घंटों तक बैठक हुई जिसमें ये फैसला लिया गया कि सरकार की कोर कमेटी के साथ होने वाली मीटिंग में किसान नेता नहीं जाएंगे. बैठक के बाद किसान नेता मनजीत सिंह राय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए कहा कि हरियाणा सरकार की कोर कमेटी के साथ हम बैठक नहीं करेंगे. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने जो आदेश दिया है वह हरियाणा सरकार को दिया है और हम उसमें पार्टी नहीं है.उन्होंने कहा कि बाकी हमने संयुक्त किसान मोर्चा पर छोड़ दिया है जो फैसला उनका होगा वही आखिरी फैसला होगा. उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार दिल्ली सरकार के साथ बातचीत करें और जो बैरिकेडिंग दिल्ली पुलिस ने कर रखी है उसको खुलवाए. हमने एक तरफ का रास्ता खोल रखा है.
वहीं जिन 43 किसानों ने कल सरकार की कोर कमेटी के साथ बातचीत करनी थी. उसमें राकेश टिकैत का नाम ना होने पर मनजीत राय ने कहा कि उस बात पर कोई चर्चा का विषय ही नहीं बनता जब हमें वहां जाना ही नहीं है.बता दें कि, हरियाणा सरकार की ओर से गठित की गई स्टेट लेवल कमेटी ने 19 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा समेत 43 किसान नेताओं को न्योता भेजा था. सोनीपत जिले के मुरथल में इस बैठक का आयोजन होना है. एक जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को सिंघु बार्डर का एक तरफ का रास्ता खुलवाने को लेकर आदेश दिया है.इसी को लेकर हरियाणा सरकार ने हाई लेवल बैठक की थी. बैठक के बाद सरकार ने मामले के समाधान के लिए एक हाई पावर कमेटी का गठन किया. हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना के लिए गृह सचिव राजीव अरोड़ा की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी का गठन किया गया है.
अब इस कमेटी ने किसानों को बातचीत का न्योता दिया था. स्टेट लेवल कमेटी ने 19 सितंबर को संयुक्त किसान मोर्चा समेत 43 किसान नेताओं को न्योता भेजा था. हैरानी की बात ये थी कि इस लिस्ट में किसान नेता राकेश टिकैत का नाम नहीं था.बता दें कि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को रास्ता खुलवाने के लिए किसानों से बातचीत कर समाधान निकालने के आदेश दिए थे. 9 महीने से ज्यादा का समय बीत चुका है. कृषि कानूनों को रद्द करवाने की मांग को लेकर किसान सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. किसानों ने बॉर्डर पर दोनों तरफ का रास्ता बंद किया हुआ है. मोनिका अग्रवाल की जनहित याचिका (सिविल) नंबर-249/2021 पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिए हैं कि कुंडली-सिंघू बॉर्डर पर धरनारत किसानों से एक तरफ मार्ग छुड़वाया जाए. जिसके बाद प्रशासन से किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि वो इस बात पर सकारात्मक विचार करेंगे.
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