सत्य खबर,नई दिल्ली (ब्यूरो रिपोर्ट)
दिल्ली के सिग्नेचर ब्रिज पर तस्वीरें लेने वालों की खुशी नें थोड़ा खलल पड़ने जा रहा है क्योंकि दिल्ली का सिग्नेचर ब्रिज जो कुतुब मीनार से भी दोगुनी ऊंचाई का है अब लोग उससे शहर की तस्वीरें लेने का आनंद शायद नहीं ले पाएंगे क्येंकि दिल्ली सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिग्नेचर ब्रिज की ऊंचाई 154 मीटर है और उस पर बना ग्लास बॉक्स पर्यटकों की खुशी में खलल डालने जा रहा है क्योंकि यह पर्यटकों के भारी दबाव को नहीं झेल सकेगा।
सूत्रों के मुताबिक इस ग्लास बॉक्स तक पहुंचाने वाले चारों एलिवेटर्स की इतनी क्षमता नहीं है कि भारी संख्या में पर्यटकों के दबाव को झेल सकें। व्यूअर्स गैलरी 154 मीटर की ऊंचाई पर है, जो कुतुब मीनार से भी दोगुनी ऊंचाई है। इस गैलरी के अगले हिस्से पर शीशे की मोटी दीवार है, जिसके गर्मियों के मौसम में बेहद गर्म होने की आशंका है। ऐसे में इस गैलरी को चालू करने को लेकर दिल्ली सरकार के सामने यह भी एक बड़ी चुनौती है।
बता दें कि दिल्ली टूरिज्म ऐंड ट्रासपोर्टेशन डिवेलपमेंट कॉर्पोरेशन इस प्रॉजेक्ट पर काम कर रहा है जिसने इन ऐस्केलेटर्स के डिजाइन में सुधार और चौड़ाई को बढ़ाने का काम शुरू किया है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि गैलरी को शुरू करने का फैसला राजनीतिक नेतृत्व को ही लेना है।
दिल्ली के डेप्युटी चीफ मिनिस्टर और टूरिज्म डिपार्टमेंट के प्रभारी मनीष सिसोदिया ने इस मसले पर कई बार संपर्क करने के बाद भी कोई जवाब नहीं दिया है। 1,518 करोड़ रुपये के सिग्नेचर ब्रिज के प्रॉजेक्ट को 2007 में शीला दीक्षित सरकार ने मंजूरी दी थी। 11 साल बाद 2018 में इस पर काम पूरा हो सका था।
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