सत्यखबर चढ़ीगढ़
ड्रग माफिया रंजीत उर्फ चीता और रिश्ते के साढू गुरमीत सिंह को आमने-सामने बैठाकर सिरसा पुलिस ने अमृतसर में ढाई घंटे पूछताछ की। इस पूछताछ में पुलिस के 50 से अधिक प्रश्न चीता से किए। उसने अधिकांश जवाब नहीं में दिया। डीएसपी आर्यन चौधरी के नेतृत्व में सिरसा की एक टीम गिरफ्तार गुरमीत सिंह को लेकर अमृतसर गई और वहां उन सवालों के जवाब ढूंढने का प्रयास किया गया जो चीता के नेटवर्क के बारे में सिरसा में जानकारी दे सके, लेकिन पुलिस को कोई बड़ी जानकारी हासिल नहीं हुई।
वीरवार रात को ही टीम अमृतसर पहुंच गई और चीता से किए गए सवालों में एक बात जरूर सामने आई कि कोठी गुरमीत ने ही उसे किराये पर दिलाई थी और गुरमीत उसके संपर्क में था। पुलिस का दूसरा सवाल सिरसा में किन-किन लोगों से मिलता रहा के जवाब में चीता ने बताया कि वह किसी से नहीं मिलता था और उसका मकसद तो टाइम काटने का था। बैंक खाते के बारे में चीता ने बताया कि सिरसा में उसका कोई बैंक खाता नहीं था।
आमने-सामने की पूछताछ में चीता ने बताया कि उनके परिवार के पास तीन गाड़ियां क्रेटा, फार्च्यूनर और वरना है, लेकिन सिरसा में उसने वरना ही रखी हुई थी और जरूरत पड़़ने पर इसी गाड़ी से जाते थे। उसने पूछताछ में यह भी बताया कि बाहर कम निकलता था। जरूरत पड़ने पर सामान इत्यादि लाने तो बाहर जरूर जाता था, लेकिन किसी के संपर्क में नहीं था।
चीता और गुरमीत से हुई पूछताछ में पुलिस के सामने आया कि लंबी में सात एकड़ जमीन खरीदी। इस जमीन को पहले देखने और फिर सौदा करने भी चीता गया था। पुलिस सूत्रों के अनुसार जमीन चीता ने अपने नहीं, बल्कि भाई की पत्नी के नाम खरीदी है। जमीन सिरसा में रहते हुए खरीदी है और इसकी रजिस्ट्री कराने भी परिवार के लोग सिरसा से गए थे।
चीता को सामने देखकर गुरमीत रुक नहीं पाया और उसने कहा कि आपने मरवा दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार चीता ने भी कहा कि नेक बंदा है आपका तो कहीं कोई कसूर ही नहीं है। पुलिस पूछताछ में चीता ने ज्यादातर प्रश्नों के उत्तर इंकार में ही दिए और कहा कि सिरसा में छिपने के लिए गया था कोई धंधा नहीं किया और न ही किसी से संपर्क रखा। डीएसपी सिरसा आर्यन चौधरी रंजीत उर्फ चीता व एनडीपीएस एक्ट में गिरफ्तार गुरमीत से आमने-सामने बैठाकर अमृतसर में पूछताछ की गई। हमारे कई प्रश्न थे जिनका उत्तर चाहिए था इसलिए पूछताछ की गई। कई जानकारियां हासिल हुई हैं। उसने यह स्वीकार किया है कि इसी अवधि के दौरान पंजाब क्षेत्र में परिवार ने जमीन खरीदी है। उसका पूरा नेटवर्क अमृतसर के आसपास रहा है और वह 2007 से एनडीपीएस के मामलों में संलिप्त रहा है।
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