सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
नरवाना का सीता राम पांचाल एक ऐसा सितारा था, जो चमकने से पहले 10 अगस्त, 2017 आज ही के दिन आंखों से ओझल हो गया। हम बात कर रहे हैं ऐसे फिल्मी सितारे की, जो एक साधारण पांचाल परिवार में पैदा होकर संघर्ष के बल पर मुम्बई की माया नगरी में प्रवेश कर गया था। उन्होंने अपनी मंचीय प्रस्तुति की शुरुआत गांव में की जाने वाली रामलीला से की और फिल्मी दुनिया की नगरी में दर्जनों फिल्मों के माध्यम से अपनी पहचान बनाई। वे कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित हरियाणा दिवस समारोह में निर्णायक मंडल के सदस्य के रूप में भाग लेकर अनेकों संस्कृति प्रेमियों का उत्साह बढाते रहते थे। साल 2017 में अंतरराष्ट्रीय लघु फिल्म फेस्टिवल में सीताराम पांचाल को लाइफटाइम अवॉर्ड से सम्मानित भी किया गया था। सीताराम पांचाल ने कई फिल्मों में भी शानदार अभिनय कर वाहीवाही लूटी थी।
होनी को था कुछ और ही मंजूर
हालांकि सीता राम पांचाल ने गरीबी में पलकर संघर्ष के बलबूते पर यह मुकाम पाया था, लेकिन कैंसर जैसी बीमारी का वह बहादुर कलाकार मुकाबला नहीं कर सका और समय से पहले ही इस दुनिया को छोड़ कर चला गया। अगर सीता राम आज जिंदा होता, तो नरवाना जैसे ग्रामीण आँचल का नाम मुम्बई जैसे महा नगरों में अदब से लिया जाता। इतना ही नहीं देहात के युवा कलाकारों के लिए यह टिमटिमाता सितारा प्रेरणास्रोत बना रहता।
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