सत्यखबर, गुरुग्राम, मुकेश कुमार
जिला के जिन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव मामले मिले हैं, वहां पर लोगों के स्वास्थ्य की जांच करने तथा करोना संक्रमण के बचाव उपायों की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने में आशा, एएनएम तथा आंगनवाड़ी वर्कर्स इन दिनों सक्रिय भूमिका निभाते हुए अग्रिम पंक्ति में काम कर रही है। जिला प्रशासन की यह टीम धरातल स्तर पर काम करते हुए कोविड-19 संक्रमण रोकथाम और लोगों के स्वास्थ्य की जांच करने के लिए निस्वार्थ भाव से दिन रात काम कर रही हैं, परिणाम स्वरूप कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या अब धीरे-धीरे कम होने लगी है।
स्वयं उपायुक्त अमित खत्री ने इनके कार्य की प्रसंशा करते हुए बताया कि लोगो के स्वास्थ्य जांच और कोविड 19 संक्रमितों की पहचान के लिए जिला गुरुग्राम को 10 क्लस्टर में बांटा गया है, जहां शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में आशा तथा आंगनवाड़ी वर्करों की टीमें बनाई गई हैं। उन्होंने बताया 8 क्लस्टर गुरुग्राम के शहरी क्षेत्र तथा 2 क्लस्टर पटौदी व घेंगोला में बनाए गए हैं। घेंगोला क्लस्टर में रायपुर गांव को शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला में यह सर्वे 1 अप्रैल से शुरू किया गया था जिसेे जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा। एक टीम द्वारा एक दिन में कम से कम 50 घरों को कवर किया जाता है। उन्होंनेे बताया कि जिला गुरुग्राम के वजीराबाद सेक्टर-39 क्लस्टर में सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है।
श्री खत्री के अनुसार जिन क्षेत्रों में कोरोना संक्रमित मरीज पाए जाते हैं, उसके 3 किलोमीटर के दायरे को कंटेनमेंट जोन घोषित कर उसे सील कर दिया जाता है।
यहां पर आबादी तथा घरों का अध्ययन करने उपरांंत डोर टू डोर सर्वे करवाया जाता है। उन्होंनेे बताया कि सर्वे के दौरान लोगों को कोरोना संक्रमण के लक्षणों व इससे बचाव उपायो के बारे में विस्तार सेे जानकारी दी जाती है। यदि कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के 28 दिन बाद तक उस क्षेत्र में कोई भी कोरोना संक्रमित मरीज नहीं मिलता तो उस क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन से फ्री कर दिया जाता है।
सर्वे कार्य की नोडल अधिकारी एवं जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ सुधा गर्ग ने बताया कि गुरुग्राम जिला के शहरी क्षेत्र में 19 पीएचसी हैं, जिनमें स्क्रीनिंग का इंचार्ज संबंधित पीएचसी के मेडिकल ऑफिसर को बनाया गया है। एमओ के सुपरविजन में क्षेत्रवार अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। इसी प्रकार, ग्रामीण क्षेत्र में तीन सीएचसी पटौदी, फर्रुखनगर तथा घेंघोला में है, जहां क्षेत्रवार टीमों का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि पटौदी में कोरोना संक्रमित मामले मिलने के कारण, उसे कंटेनमेंट जोन बनाया गया जिसमें स्क्रीनिंग के लिए 27 टीमों का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि फरुखनगर सीएचसी के अधीन क्षेत्र में फिलहाल कोरोना संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। इसी प्रकार, घेंघोला सीएचसी के अंतर्गत पड़ने वाले गांव रायपुर को भी कंटेनमेंट जोन बनाया गया जिस में स्क्रीनिंग के लिए 20 टीमों का गठन किया गया।
डॉ सुधा ने बताया कि सर्वे के लिए जाने वाली टीम के कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर भी आवश्यक इंतजाम किए गए हैं। टीम को फील्ड में जाने से पहले थ्री लेयर फेस मास्क दिए जाते हैं। यदि स्क्रीनिंग के दौरान किसी भी व्यक्ति में खासी या जुकाम आदि के लक्षण दिखाई देते हैं तो उसे टीम द्वारा थ्री लेयर मास्क दिया जाता है और उसे लगाए रखने की सलाह दी जाती है।
डॉ सुधा ने बताया कि कोरोना वैश्विक महामारी के संक्रमण से बचाव का एकमात्र उपाय सोशल डिस्टेंसिंग है इसलिए लोग एक दूसरे से उचित दूरी बनाए रखें और एक दूसरे के संपर्क में ना आए। उन्होंने आमजन से भी अपील करते हुए कहा कि वे संकट की इस घड़ी में एक दूसरे का सहयोग करें और कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर निर्धारित डूज एंड डोंट का पालन करें।
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