सत्यखबर
सोनम की साक्षी पर ये लगातार तीसरी जीत है। उन्होंने 2020 में एशियन चैम्पियनशिप और एशियन ओलिंपिक क्वालिफायर में भी साक्षी को पटखनी दी थी।
. जिस हाथ में लकवा था, उसी हाथ से साक्षी को हराया
सोनम को भारतीय रेसलिंग का नया सितारा माना जा रहा है। उन्होंने साक्षी को अपने राइट आर्म लॉक के दम पर हराया। सोनम का दायां हाथ ही दो साल पहले लकवाग्रस्त हुआ था। इस दाएं हाथ की वजह से ही कभी उनका करियर शुरू होने से पहले ही दांव पर लग गया था.
https://sat.magzian.com/%e0%a4%a8%e0%a5%8c-%e0%a4%b8%e0%a4%be%e0%a4%b2-%e0%a4%aa%e0%a4%b9%e0%a4%b2%e0%a5%87-%e0%a4%b9%e0%a5%81%e0%a4%8f-%e0%a4%aa%e0%a5%8d%e0%a4%b0%e0%a5%87%e0%a4%ae-%e0%a4%b5%e0%a4%bf%e0%a4%b5%e0%a4%be/
सोनम के पिता राज बताते हैं कि 2017 में वर्ल्ड चैम्पियनशिप जीतने के बाद सोनम को दाएं हाथ में परेशानी हुई। पहले तो कोच ने सोचा की यह रुटीन चोट है और सारे देशी नुस्खे आजमाए। दर्द के साथ ही सोनम ने घरेलू टूर्नामेंट में हिस्सा लेना जारी रखा। 2018 में स्टेट चैम्पियनशिप के दौरान उन्हें हाथ में लकवा मार गया और फिर टूर्नामेंट बीच में ही छोड़ना पड़ा।
. डॉक्टरों ने रेसलिंग छोड़ने की बात कही, पर सोनम हारी नहीं
कोच ने कहा कि सोनम 6 महीने बेड रेस्ट पर थीं। वो अपना हाथ तक ऊपर नहीं उठा पाती थीं। डॉक्टर्स ने भी हार मान ली थी और कहा था कि सोनम को रेसलिंग का सपना छोड़ना होगा। पर, सोनम और उनके पिता ने हार नहीं मानी। पैसों की तंगी की वजह से सोनम के पिता ने उनका इलाज आयुर्वेद से कराया। दवाइयों का असर हुआ और सोनम ठीक हो गईं।
. ठीक होने के बाद रिंग में लौटीं और इतिहास रचा
सोनम ने वापसी की और 2019 में दूसरी बार वर्ल्ड कैडेट रेसलिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। इससे पहले वो 2017 में भी ये चैम्पियनशिप जीत चुकी हैं। सोनम दो बार ये खिताब जीतने वाली पहली महिला रेसलर हैं। उनसे पहले केवल सुशील कुमार ही दो बार ये खिताब जीत सके हैं।
Aluminium recycling advocacy Aluminium scrap utilization techniques Metal recovery yard collection