सत्य खबर, चरखी दादरी । हरियाणा के चरखी दादरी में ग्रीन कॉरिडोर का विरोध लगातार बढ़ता जा रहा है. दरअसल किसानों की मांग है कि उन्हें अपनी जमीन के लिए अधिक मुआवजा राशि दी जाए. जिसके चलते हरियाणा ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट का विरोध किया जा रहा है. इसी बीच किसानों ने खापों व किसान संगठनों के साथ मिलकर शनिवार को महापंचायत का आयोजन करने का एलान किया. जिसमें चरखी दादरी में ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट को लेकर अहम फैसले लिए जाएंगे.
किसान नेता अनूप खातीवास की अध्यक्षता में हुई शुक्रवार को हुई मीटिंग में खापों व किसान संगठनों के साथ मिलकर विरोध के बारे में चर्चा हुई. किसान नेता अनूप खातीवास ने बताया कि नेशनल हाईवे ग्रीन कॉरिडोर 152D प्रोजेक्ट के लिए जमीन का कब्जा लेने आई टीम ने किसानों की फसलें बर्बाद कर दी, रास्ता व ट्यूबवेल के अलावा पाइप लाइनें भी तोड़ दी. साथ ही किसान नेता ने बताया कि खापों व किसान संगठनों के साथ मिलकर शनिवार बता दें कि हरियाणा ग्रीन कॉरिडोर नेशनल हाईवे 152डी के लिए सरकार ने साल 2018 में किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया था.
तब कुछ गांवों के किसानों ने सरकार पर उचित मुआवजा नहीं देने का आरोप लगाया. इनमें खातीवास गांव के किसान भी शामिल थे. मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर सालभर किसानों का धरना भी चला. किसानों की बात मानते हुए सरकार की ओर से मुआवजा राशि को बढ़ा दिया गया. जिसके बाद किसानों ने धरना खत्म कर दिया.इसके बाद खातीवास गांव के किसान बढ़े हुए मुआवजा से सहमत नहीं हुए. गांव के किसी भी किसान ने निर्धारित मुआवजा नहीं लिया. ऐसे में करीब चार किलोमीटर के क्षेत्र में नेशनल हाईवे का निर्माण काम रूका हुआ था. यहां काम शुरू करने को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने किसानों के साथ बैठक भी की, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला. किसान अपनी जमीन का कानूनी रूप से मुआवजे की मांग कर रहे थे.
नारनौल से गंगेहड़ी तक ग्रीन कारिडोर-152डी नेशनल हाईवे का निर्माण लगभग 90 फीसदी पूरा हो चुका है. दादरी जिला की सीमा में गांव खातीवास के 439 किसानों की करीब 70 एकड़ अधिगृहीत जमीन पर कब्जा नहीं होने के कारण नेशनल हाईवे का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ था. जिसको लेकर प्रशासनिक अमले ने कब्जा लेते हुए निर्माण काम शुरू करवाया.
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