सत्य खबर, हिसार । उत्तरी पश्चिमी हवाओं की वजह से लगातार हरियाणा का तापमान गिरा है। हरियाणा कृषि विश्विद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ एम एल खीचड के अनुसार हरियाणा राज्य में आमतौर पर 2 दिसम्बर तक मौसम खुष्क रहने की संभावना है। इस दौरान राज्य में हल्की गति से पाश्चिमी और उत्तर पाश्चिमी हवाएं चलने से रात्रि तापमान में हल्की गिरावट होगी। मौसम में बदलाव की वजह से सुबह शाम हल्की कोहरे और धुंध की चादर भी दिखने लगी है। जिससे विजिबिलिटी भी कम होती जा रही है।
पिछले पांच सालों में नवंबर महीने में सबसे ज्यादा सर्दी वाले दिन
हरियाणा में ठंड ने लोगों को शिमला ओर कसौली जैसे हिल स्टेशन में पड़ने वाली ठंड महसूस करवा दी है। अचनाक लोगों गर्म कपड़े पहनने पड़े हैं। वहीं इस मौसमी बदलाव से लोगों के जीवन पर भी काफी प्रभाव पड़ा है । मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले सप्ताह के अंत तक शीत लहर हरियाणा में पहुंच सकता है। मौसम विभाग का कहना है कि इस साल ठंड के सारे रिकॉर्ड टूट जाएंगे। मौसम विभाग के मुताबिक अगले कुछ दिनों तक बारिश की संभावना नहीं है।
हरियाणा मौसम विभाग के अनुसार इस अरब सागर हो या बंगाल की खाड़ी से नमी भरी हवा हरियाणा तक पहुंच ही नहीं पा रही हैं । हिमालय क्षेत्रों से चलने वाली बर्फीली हवाएं हरियाणा में सर्दी बढ़ाएंगी। ऐसे में कई जिलों में सुबह का तापमान 5 से 7 डिग्री तक पहुंच जाता है, जोकि दोपहर तक 18-21 डिग्री तक पहुंच जाता है। मौसम के इस प्रभाव और पराली जलाने के बढ़े मामलों की वजह से राज्य के सभी जिलों में प्रदूषण का स्तर भी बढ़ गया था, लेकिन अब पराली जलाने के मामले घटते ही हालात सुधरने लगे हैं।
गुरुग्राम और फरीदाबाद समेत कई जिलों में हवा में प्रदूषण का स्तर हुआ जानलेवा!
एयर क्वॉलिटी इंडेक्स जब 0-50 होता है तो इसे ‘अच्छी’ श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को ‘संतोषजनक’, 101-200 को ‘मध्यम’, 201-300 को ‘खराब’, 301-400 को ‘अत्यंत खराब’, 400-500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर एयर क्वॉलिटी इंडेक्स को ‘बेहद गंभीर’ माना जाता है। विशेषज्ञों के मुताबिक, हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक डायऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं।
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