सत्यखबर हरियाणा (अशोक छाबड़ा) – प्रदेश में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने मौजूदा वर्ष में नई विकास परियोजनाओं के लिए दो हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त देने की हामी भरी है। जरूरत पड़ी तो इस राशि को और भी बढ़ाया जा सकता है।
हरियाणा की मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने बुधवार को पहली तिमाही के लिए उच्चाधिकार प्राप्त समिति (एचपीसी) की बैठक में नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं और विभिन्न विभागों की योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने वर्ष 2019-20 के दौरान नाबार्ड की नई परियोजनाओं के लिए 1250 करोड़ रुपये के लक्ष्य की तुलना में 1296 करोड़ रुपये की परियोजनाएं अनुमोदित करने व 700 करोड़ रुपये के लक्ष्य के मुकाबले 715 करोड़ रुपये का आहरण करने के लिए सभी प्रशासनिक सचिवों और नाबार्ड के प्रयासों की सराहना की।
मुख्य सचिव ने नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक से अनुरोध किया कि वह वर्ष 2020-21 में नई परियोजनाओं की मंजूरी के लिए राज्य के आवंटन को दो हजार करोड़ रुपये तक बढ़ा दें। वित्त और योजना विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद ने सभी प्रशासनिक सचिवों को नाबार्ड से वित्त पोषण के लिए दो हजार करोड़ की परियोजनाएं प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (आरआइडीएफ) के तहत ब्याज की दर 2.75 फीसद है, इसलिए अधिक से अधिक योजनाओं को नाबार्ड के तहत शुरू किया जाए।
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक राजीव महाजन ने कहा कि बड़ी परियोजनाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए। यदि उपयुक्त परियोजनाएं लगाई जाती हैं तो रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के तहत नाबार्ड 1300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी देने और 1100 करोड़ रुपये संवितरण के लिए तैयार है। मुख्य सचिव ने प्रशासनिक सचिवों को निर्देश दिए कि वे नाबार्ड की परियोजनाओं अथवा योजनाओं के तहत हो रहे कार्यों में तेजी लाने के लिए सभी संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित रूप से समीक्षा बैठक करें।
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