सत्यखबर, चढ़ीगढ़
टिड्डी दल ने आखिरकार हरियाणा के कई जिलों में प्रेवश कर ही लिया। रेवाड़ी समेत झज्जर और चरखी दादरी में विशाल टिड्डी दल पहुंच चुका है। किसान अपनी फसलों को बचाने में जुटे हुए हैं। झज्जर के जाटूसाना मछरौली गांव समेत कई गांवो में करीब छह किलोमीटर क्षेत्र में फैले टिड्डी दल ने हमला बोला है। किसान अलग-अलग तरह से बचाव के उपाय अपना रहे हैं। भिवानी के भी कुछ गांवों में दल देखा गया है। प्रशासन का कहना है कि उनकी ओर से पुख्ता इंतजाम हैं। वहीं फसलों को देखते हुए किसानों में चिंता बनी हुई है। हिसार हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय ने भी इसे लेकर एडवाइजरी जारी की है।
झुंड में टिड्डियां हजारों से लेकर लाखों की संख्या तक हो सकती है। यह झुंड दिन के समय 12 से 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से 150 किलोमीटर तक की दूरी तय कर सकते हैं। ये झुंड रात के समय विभिन्न वनस्पतियों पर बैठ जाते हैं और अधिक से अधिक क्षति पहुंचाते हैं। इन टिड्डियों का रंग जब गहरा भूरा या पीला होने लगे तो यह परिपक्व व्यस्क बन जाती हैं जो अंडे देने में सक्षम होती हैं। अंडे देने की स्थिति आने पर ये टिड्डियां 2-3 दिनों तक उड़ नहीं पाती।
टिड्डियां आने पर इन बातों का रखें ध्यान
– हरियाणा में टिड्डियों के झुंड के प्रवेश करने की संभावना कम है परन्तु सचेत रहकर आपसी सहयोग करें ।
– टिड्डियों के झुंड के दिखाई देने पर ढोल या ड्रम बजाकर इन्हें फसलों पर बैठने से रोका जा सकता है।
– रेतीले टिब्बों, इलाकों में अगर टिड्डियों के झुंड (पीले रंग की टिड्डियां) जमीन पर बैठी दिखाई दे तो उस स्थान को चिन्हित कर तुरंत सूचित करें।
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