सत्य खबर
हरियाणा में वायु प्रदूषण की स्थिति प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है। फरवरी के बाद मंगलवार को प्रदेश की हवा इस सीजन में सबसे ज्यादा प्रदूषित रही। पानीपत में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 355 के रिकॉर्ड (रात आठ बजे) स्तर पर पहुंच गया। प्रदेश के दस शहरों का एक्यूआई 300 या इससे अधिक रहा, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी का माना जाता है।
वहीं 20 शहरों का एक्यूआई 200 या इससे अधिक दर्ज किया गया। स्वास्थ्य के लिहाज प्रदेश की हवा खतरनाक हो गई है। इसके नियंत्रण को लेकर अभी तक कोई ठोस कवायद नजर नहीं आ रही है। कुछ खेतों में पराली जलाई जा रही है। कई इलाकों में मलबा व कूड़ा डाला जा रहा है जो प्रदूषण को बढ़ाने का काम ही कर रहा है।
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एक्यूआई स्थिति स्वास्थ्य पर असर
0-50 अच्छा न्यूनतम प्रभाव
51-100 संतोषजनक संवेदनशील लोगों को सांस लेने में तकलीफ
101-200 मध्यम फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोगियों को बेचैनी
201-300 खराब ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ
301-400 बहुत खराब लंबे समय तक रहने पर सांस की बीमारी
401-500 खतरनाक स्वस्थ लोगों पर असर, रोगियों पर ज्यादा असर
पराली जलाने पर 11 किसानों पर मामले दर्ज
फतेहाबाद में पराली जलाने के मामले बढ़ने लगे हैं। पुलिस ने कृषि विभाग के अधिकारियों की शिकायत पर जिले में 11 किसानों पर मामले दर्ज किए है। सभी किसान टोहाना के ही रहने वाले बताए गए हैं। इसके साथ ही जिले में अब तक कुल 33 किसानों पर पराली जलाने के मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इसके अलावा जिले में पराली जलाने की 90 घटनाएं हो चुकी हैं। वहीं हिसार में अब तक 20 स्थानों पर पराली जल चुकी है। 17 के चालान काटे गए हैं।
प्रमुख शहरों का एक्यूआई (मंगलवार रात आठ बजे तक
शहर एक्यूआई
पानीपत – 355
चरखी दादरी – 334
गुरुग्राम – 335
फरीदाबाद – 313
धारुहेड़ा – 311
जींद – 310
हिसार – 299
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