सत्यखबर हरियाणा (अशोक छाबड़ा) – अब कोरोना वायरस पॉजिटिव मरीज की मौत के बाद उसकी मौत का कारण जानने के लिए विशेष चिकित्सकों की कमेटी मौत का कारण तय करेगी। इसके लिए सरकार के आदेश पर प्रत्येक जिले में सिविल सर्जन की अध्यक्षता में सी-डैक (डेथ कमेटी) नामक कमेटी का गठन किया गया है। गठित की गई कमेटी मृतक मरीज की विभिन्न बीमारियों और उनके इफेक्ट के बारे में पता करेंगे। कमेटी द्वारा मौत का कारण कोरोना बताए जाने के बाद ही सरकार उस मरीज की मौत को कोरोना से मौत में गिनती करेगी।
दरअसल ऐसे मरीज जिन्हें कोरोना संक्रमण की पुष्टि होती है और अन्य बीमारी भी पाई जाती हैं। ऐसे मरीजों की मौत को कोरोना से मौत मानने को लेकर खेल किया जा रहा था। डेथ रेट कम दर्शाने के चलते अधिकारी कोरोना संक्रमण की पुष्टि तो करते थे,लेकिन मौत का कारण हार्ट अटैक या अन्य बीमारी बताते थे। जिसके चलते कई बार आंकड़े छिपाने के आरोप अधिकारियों पर लगे तो सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। अब सरकार ने प्रत्येक जिले में सी-डैक नामक कमेटी का गठन किया है।
कमेटी को संबंधित जिले के सिविल सर्जन की अध्यक्षता में बनाया गया है और उसमें जिला सर्विलांस अधिकारी या उनके द्वारा नामित चिकित्सक,आइएमए के चिकित्सक, फॉरेंसिक एक्सपर्ट,डब्ल्यूएचओ के चिकित्सक समेत स्वास्थ्य विभाग के अन्य चिकित्सकों को शामिल किया है। जिले में किसी भी मरीज की मौत होने के बाद कमेटी बैठकर मरीज की केस डिस्ट्री और उसकी बीमारियों की हिस्ट्री के बारे में जानकारी लेते हुए मौत के कारणों की समीक्षा करेगी। चिकित्सकों का मानना है कि यदि मरीज को संक्रमण की पुष्टि के बाद रिपोर्ट नेगेटिव आती है और मरीज की मौत हो जाती है तो उस मरीज की मौत को कोविड से मौत में नहीं गिना जाएगा।
छह मरीजों की मौत को जांच का इंतजार
मई माह में गुरुग्रान निवासी छह मरीजों की अभी तक मौत हो चुकी है। पीजीआइ में जांच के दौरान सेक्टर-18 निवासी दुर्गा,सिराज पार्क निवासी राम नारायण, राजेंद्र नगर निवासी रामजी, मोहम्मदपुर निवासी राधेश्याम,गुरुग्राम निवासी मुहम्मद रजा, हरि नगर निवासी हारुन व दिल्ली के रानी खेड़ा निवासी राजेंद्र को संक्रमण की पुष्टि हुई थी और बाद में इनकी मौत हो गई थी। इन मौतों को अभी तक सरकार ने कोविड से मौत के आंकड़ों में दर्ज नहीं किया है। रिव्यू कमेटी के निर्णय के आधार पर ही अब आगे की कार्रवाई होगी।
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