नौ हजार 620 करोड़ रुपये का गेहूं गोदामों में पहुंच
1882 खरीद केंद्र का प्रयोग कारगर साबित हुआ
सत्यखबर चंडीगढ़ (अशोक छाबड़ा) – प्रदेश में लॉकडाउन के बावजूद 1882 खरीद केंद्र बनाकर किसानों से गेहूं खरीदने का प्रयोग कारगर साबित हुआ। पिछले सालों में जो गेहूं एक माह 20 दिन में खरीदा जाता था, वह इस बार एक महीने के भीतर ही खरीद लिया गया। इस बार प्रदेश की मंडियों में 67 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद हुई है। अब सिर्फ तीन लाख मीट्रिक टन गेहूं और मंडियों में आने की संभावना है। 617 मालगाड़ियों के जरिये गेहूं के उठान की व्यवस्था हुई है। हरियाणा के किसानों की गेहूं खरीदे जाने के बावजूद खरीद केंद्र 31 मई तक खुले रहेंगे। अब सरकारी एजेंसियां दूसरे राज्यों के उन किसानों की गेहूं खरीद करेंगी,जिन्होंने वेब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा रखा है। हरियाणा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ, जब 67 लाख मीट्रिक टन गेहूं में से 52 लाख मीट्रिक टन का उठान हो चुका है।
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के अनुसार मार्च माह में 171 रैक, अप्रैल में 334 रैक और मई माह में 20 तारीख तक 112 रैक के जरिये अनाज का उठान हुआ है। यह गेहूं और चावल मालगाड़ियों के जरिये भारतीय खाद्य निगम के गोदामों तक पहुंचाया गया है। प्रदेश सरकार ने अभी तक किसानों का जितना गेहूं खरीदा, उसमें से 11 हजार 602 करोड़ रुपये कीमत की गेहूं के आई फार्म बनकर तैयार हो चुके हैं। नौ हजार 620 करोड़ रुपये का गेहूं गोदामों में पहुंच गया।
डिप्टी सीएम के अनुसार 10 मई तक आढ़तियों के खाते में सात हजार 456 करोड़ रुपये पहुंच गए हैं, जबकि किसानों के खाते में तीन हजार 889 करोड़ रुपये की राशि पहुंची है। यह राशि आढ़तियों व किसानों के बीच अपना हिसाब-किताब करने के बाद पहुंची है। दुष्यंत चौटाला ने दावा किया कि हरियाणा में पहली बार ऐसा हुआ, जब किसानों को सीधे उनकी फसल के दाम खातों में पहुंचे।
एक सवाल के जवाब में डिप्टी सीएम ने बताया कि किसानों के खाते में सीधे पेमेंट पहुंचाने की व्यवस्था हालांकि कई साल से है, लेकिन कुछ लोगों के विरोध के चलते यह संभव नहीं हो पा रहा था। इस बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल व उनके प्रयासों से किसानों को सीधे उनके खातों में पेमेंट पहुंची, जो हरियाणा की गठबंधन सरकार की सबसे बड़ी सफलता है।
किसान को 24 घंटे से ज्यादा नहीं ठहरना पड़ी मंडी
डिप्टी सीएम के अनुसार हरियाणा की मंडियों में इस बार गेहूं खरीद के दौरान कोई भी किसान 24 घंटे से अधिक नहीं रहा। उसे अपना माल बेचने के लिए मारामारी नहीं करनी पड़ी। प्रदेश में गेहूं का सीजन आज तक कभी 30 दिन के भीतर खत्म नहीं हो पाया, लेकिन इस बार हुआ है। दूसरे राज्यों और केंद्र सरकार ने भी हरियाणा के गेहूं खरीद सिस्टम की सराहना की है। उन्होंने बताया कि आई फार्म बनने के आधार पर आढ़तियों व किसानों के खाते में सिस्टम के जरिये पेमेंट डाली जाती रहेगी।
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