सत्यखबर,हरियाणा
पिछले साल कोरोना काल की वजह से शुरू हुआ घाटा इस साल भी जारी है। अब एक बार फिर कोरोना संक्रमण फैलने की वजह से रोडवेज बसों में सवारियां घटने लगी हैं। परिवहन विभाग के पास खुद की लगभग 3200 बस हैं। इसके अलावा 550 किमी स्कीम की बसें हैं। 3750 बसों में से फिलहाल 2064 बसें ही सड़कों पर हैं। इनमें से भी 1100 से अधिक बस ऐसी हैं, जो इंटर-स्टेट चल रही हैं। इनमें नई दिल्ली, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब व राजस्थान शामिल हैं। मर्सिडिज की 22 नयी एसी बसें भी परिवहन बेड़े में पिछले साल शामिल हो चुकी हैं.
इनमें से भी आधे के करीब ही बस सड़कों पर आई हैं। सवारियां नहीं मिलने की वजह से परिवहन समितियों ने बसों की संख्या घटा दी है। पिछले साल लॉकडाउन के बाद से ही परिवहन विभाग घाटे में चल रहा है। 1000 करोड़ रुपये से अधिक का घाटा अभी तक होने का अनुमान है। अब परिवहन विभाग इंटर-स्टेट बस सेवा बढ़ाने पर विचार कर रहा है ताकि घाटे को कुछ कम किया जा सके। परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा ने कहा कि परिवहन सेवाओं पर कोरोना का असर पड़ा है। अब एक बार फिर से संक्रमण के केस बढ़ने की वजह से बसों में सवारियों की संख्या कम होने लगी है। इसके बावजूद सरकार बसों की संख्या बढ़ा रही है ताकि लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो। इंटर-स्टेट बस सेवा को और बढ़ाया जाएगा।
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