सतयखबर, हरियाणा
किंगपिन भूपेंद्र सिंह हरियाणा से बड़ी मात्रा में गुजरात में भी शराब की सप्लाई करता था। वहां के एक बड़े शराब माफिया ने भूपेंद्र का नाम पुलिस पूछताछ में लिया है। जिसके बाद गुजरात पुलिस भूपेंद्र को प्रोडक्शन वारंट पर ले जाकर वहां जाकर पूछताछ करेगी। यह प्रोडक्शन वारंट हरियाणा पुलिस के पास पहुंच गया है।
पुलिस अब इस मामले में यह इंतजार कर रही है कि गुजरात पुलिस भपेंद्र को यहां से गिरफ्तार करके ले जाएगी,या फिर हरियाणा पुलिस भूपेंद्र को खुद ले जाकर वहां पर पेश करेगी। भूपेंद्र गुजरात के अलावा उत्तर प्रदेश और बिहार में भी शराब की सप्लाई करता था। बड़ा बनने की चाहत में वह आसपास के सत्ताधारियों से भी संपर्क करने का पूरा प्रयास कर रहा था। दूसरे प्रदेशों के शराब माफिया के सहारे भूपेंद्र को अन्य राज्यों में भी उनकी सेटिंग के चलते एंट्री मिल जाती थी। अन्य राज्यों की पुलिस की भी वहां के स्थानीय शराब माफिया के साथ गठजोड़ की कहानी पता चली है। इसके अलावा यह पता लगाने का भी प्रयास किया जा रहा है कि पंजाब में कौन से नेताओं के साथ भूपेंद्र की सांठगांठ थी। हरियाणा पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि पंजाब के एक विधायक के साथ भूपेंद्र की बातचीत थी।
अधिक मार्जिन के चक्कर में होती थी सप्लाई
हरियाणा से शराब की सप्लाई दूसरे राज्यों में अधिक मार्जिन के चक्कर में हेाती थी। पड़ोसी राज्यों में वहां की सरकार द्वारा निर्धारित मूल्य पर शराब बिकती थी। जिसमें सेंधमारी कर यहां की शराब वहां सप्लाई होती थी। मार्जिन अधिक था। उसी हिसाब से कमीशन भी तय था। लिहाजा नीचे से ऊपर तक सभी स्तर पर हिस्सा तय था।
दूध टैंकरों में भी शराब की सप्लाई होती थी
गुजरात पुलिस के लिए यह जानना आवश्यक है कि यह सप्लाई किस रूट से और किस माध्यम से होती थी,क्योंकि उत्तर प्रदेश और बिहार में शराब पहुंचाना भले ही आसान हो, लेकिन गुजरात में शराब पहुंचाना उतना आसान नहीं है। सूत्रों के मुताबिक पिछले दिनों यह सूचना भी पुलिस को मिली है कि दूध के टैंकरों में भी शराब की सप्लाई होती थी।
एसईटी की रिपोर्ट पर हो सकेगी एफआईआर
शराब घोटाले को लेकर पावर मिलने का इंतजार कर रही एसईटी अभी तक तक शराब गोदामों के रिकार्ड खंगालने में उलझी हुई है। एडवोकेट जनरल ने इस मामले में अपनी टिप्पणी दे दी है,लेकिन अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। अलबत्ता यह जरूर सुझाया गया है कि एसईटी की रिपोर्ट पर पुलिस एफआईआर दर्ज कर सकती है। ऐसे में गृह मंत्री ने एक बार फिर से इस मामले में कुछ भी कहने से इनकार कर दिया है। मालूम हो कि शराब घोटाले को लेकर हरियाणा सरकार की ओर से गठित एसईटी को पावर देने की गेंद एजी हरियाणा के पाले में चली गई थी। सरकार के विधि परामर्श विभाग ने फाइल पर टिप्पणी करने से मना कर दिया था। जिसके बाद यह फाइल एजी के पास गई थी। आज एजी ने भी अपनी टिप्प्णी लगाकर फाइल गृह विभाग को सौंप दी है। गृह मंत्री अनिल विज ने इस मामले में एसईटी की पावर बढ़ाने के लिए गृह सचिव को आदेश दिए थे,लेकिन अभी तक यह मसला कानूनी पचड़ों में फंसा हुआ है। अब जब तक कानूनी राय पूरी नहीं होगी एसईटी की पावर बढ़ाने को लेकर फैसला नहीं हेागा। इस बीच 31 मई की एसईटी की रिपोर्ट फाइल करने की तारीख नजदीक आती जा रही है। ताजा स्थिति में यदि एसईटी को शक्तियां नहीं मिली तो एसईटी अपनी रिपोर्ट तय समय सीमा में भी सरकार के सामने पेश कर सकती है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी से हुई बातचीत के मुताबिक सीआरपीसी के तहत आरोपी से पूछताछ की पावर सिर्फ एसएचओ के पास है। सीआरपीसी के सेक्शन 36 के तहत पुलिस का कोई वरिष्ठ अधिकारी एसएचओ की पावर का उपयोग कर पूछताछ कर सकता है।
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