सत्यखबर, चंडीगढ़: स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने जारी बयान में कहा कि पंजाब ने 15 अप्रैल से खरीद शुरू की व 26 अप्रैल तक दस दिन में मंडी में पहुंची कुल 49.36 लाख मीट्रिक टन गेहूं में से 47.36 लाख मीट्रिक टन गेहूं खरीद ली थी। 16 अप्रैल को पंजाब की मंडी में 61926 मीट्रिक टन गेहूं पहुंची वहीं लगातार बढ़ते हुए 26 अप्रैल को 6.17 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडी में आई। दूसरी तरफ हरियाणा में अभी 13वें दिन के दोपहर तक 42.72 लाख मीट्रिक टन गेहूं मंडी में आया है। जिसमें से भी केवल 37.58 लाख मीट्रिक टन खरीदा गया है। योगेन्द्र यादव ने कहा है कि सरकार की अनुचित प्राथमिकता के चलते ऐसा कुप्रबंध है कि हरियाणा में गेहूं खरीद की गति पंजाब के मुकाबले कहीं कम है। जो गेहूं खरीद ली गई है, उसको मंडी से उठवाने की व्यवस्था सरकार नहीं कर पाई है। सरकार की अपनी वेबसाइट के आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा में करीब 98.15 लाख मीट्रिक टन गेहूं का उत्पादन हुआ है। 20 अप्रैल से शुरू कर आज 13वें दिन दोपहर तक मात्र 37.58 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद हुई है। जो कुल उत्पादन का 38 फीसदी ही है। इस गति से गेहूं खरीद में अभी एक महीना और लगेगा, जो किसान के लिए बड़ी मुश्किल पैदा करेगा। सरकार ने वादा किया था कि किसान को फसल बिकने के बाद 72 घण्टे में ऑन लाइन पेमेंट हो जाएगी। मगर चार गुना ज्यादा समय 288 घण्टे बीतने के बाद भी किसानों को भुगतान नहीं हुआ है। सरकार की अपनी वेबसाइट बताती है कि अब तक खरीदी जा चुकी गेहूं में से 32.80 लाख मीट्रिक गेहूं का मूल्य 6315 करोड़ रुपये बनता है, जिसमें से मात्र 2807 करोड़ रुपये की एप्रूवल हुई है। जिनमें से सिर्फ 21 करोड़ का भुगतान हुआ है। वहीं 222 करोड़ का भुगतान प्रक्रिया में बताया गया है। 2572 करोड़ रुपये का भुगतान पेंडिंग है।
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