सत्यखबर, चढ़ीगढ,अशोक छाबड़ा
हरियाणा मेें तीन कृषि विधेयकों के विरोध में भारत बंद का आंशिक असर हुआ है। हरियाणा सरकार ने दावा किया है कि राज्य में यह बंद पूरी तरह विफल रहा है। हरियाणा केे सीएम मनोहरलाल ने कहा कि किसान तो खेतों मेें फसल की कटाई में व्यस्त हैं। 90 से 95 फीसदी किसान अपने खेतों में धान और बाजरे की फसल काटने तथा कपास की फसल बीनने में लगेे थे। उन्हें कांग्रेस प्रायोजित इस बंद से कोई लेना देना नहीं था और यह बंद पूरी तरह से विफल रहा है। प्रदेश के वास्तविक किसानों ने इस बंद को सिरे से नकार दिया है।हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले कांग्रेस के नेता लोकसभा में इन बिलों का समर्थन करते थे, लेकिन आज तक उन्हें पास करने का साहस नहीं कर पाए। भाजपा ने आढ़तियों व किसानों की आर्थिक सुरक्षा वाले इन विधेयकों को पास किया तो अब कांग्रेसी विरोध पर उतर आए हैं। मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस का विरोध सिर्फ विरोध करने के लिए है और इस आंशिक बंद में कोई वास्तविक किसान शामिल नहीं हुआ है। पूरे प्रदेश में शांति व्यवस्था कायम रही तथा जहां भी मार्ग को बाधित करने की कोशिश की गई, वह कांग्रेस के लोग थे।
1 अक्टूबर से एमएसपी पर होगी फसलों की खरीद
हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने मीडिया कर्मियों से बातचीत में कहा कि प्रदेश में 1 अक्टूबर से धान की खरीद शुरू हो जाएगी। प्रदेश सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद करेगी। यदि किसान चाहेंगे तो उनकी फसल का दाम सीधे दिया जाएगा। यदि किसानों की इच्छा होगी कि उन्हें आढ़तियों के माध्यम से ही फसल के दाम मिले तो सरकार वैसी ही व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आय डबल करने के लिए इन तीन कृषि विधेयकों को मंजूरी दिलाई है। दादरी के निर्दलीय विधायक सोमवीर सांगवान ने कहा कि किसानों के भेष में मुट्ठी भर कांग्रेसी धरने पर बैठे। उन्होंने सोनिया गांधी व राहुल गांधी को खुश करने के लिए यह नाटक किया। जेपी दलाल ने कहा कि किसान पिछले पांच दशक से अपनी आय में बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने उन्हें यह मौका दिया है। हुड्डा ने कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र में अक्सर इन वादों को डाला, मगर वह उन्हें पूरा कराने का साहस नहीं कर पाए। उन्होंने कहा कि विपक्ष रके हाथों में किसान नहीं बल्कि बिचौलिये हैं, जिन्हें सरकार का कोई समर्थन हासिल नहीं है।
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