सत्य खबर, चण्डीगढ़
पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यूनिवर्सिटी, स्वास्थ्य विभाग के ठेका कर्मचारियों और किसानों के मुआवजे की मांगों को लेकर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। हुड्डा ने पूछा है कि बीजेपी-जेजेपी सरकार कर्मचारियों और किसानों के साथ दुश्मनों जैसा बर्ताव क्यों कर रही है? दरअसल, सरकार लगातार विश्वविद्यालयों में कर्मचारियों की नियुक्तियों में दखलंदाजी कर रही है। विश्वविद्यालयों में पिछले 7-8 साल से सेवाएं दे रहे कच्चे कर्मचारियों को नौकरी से निकाला जा रहा है। उधर, स्वास्थ्य ठेका कर्मचारी यूनियन (संबंधित सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा व सहयोग सीटू) के आह्वान पर स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत ठेका कर्मचारियों ने भी नेता प्रतिपक्ष को एक ज्ञापन सौंपा है।
ज्ञापन में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत सभी आउटसोर्सिंग पॉलिसी पार्ट-1 कर्मचारियों को कौशल रोजगार निगम के बजाय सीधे विभाग के पे-स्केल देने, समान काम, समान वेतन, सेवा सुरक्षा की नीति लागू करने, हटाए गए सभी ठेका कर्मचारियों को वापस नौकरी पर रखने और वक्त पर वेतन भुगतान जैसी कई मांगों उठाया गया है।
हुड्डा ने कहा कि कर्मचारियों की ऐसी अनेकों जायज मांगों की सरकार लगातार अनदेखी कर रही है। कई-कई साल से अलग-अलग विभागों में सेवाएं दे रहे कर्मचारियों को पक्का करने की बजाए, उन्हें नौकरी से निकाला जा रहा है। यही वजह है कि कर्मचारी वर्ग मौजूदा सरकार की नीतियों से परेशान है। कोरोना काल में जब सरकार को कच्चे कर्मचारियों का सहारा बनना चाहिए था, उस दौर में भी सरकार द्वारा कर्मचारियों की छंटनी की गई। आज छंटनीग्रस्त कर्मचारियों को घर चलाना मुश्किल हो रहा है। उनके परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। उचित मेहनताना और वक्त पर वेतन नहीं मिलने की वजह से सेवारत कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति भी दयनीय बनी हुई है। सेवा सुरक्षा नहीं मिलने की वजह से हमेशा उनके रोजगार पर छंटनी की तलवार लटकी रहती है।
हुड्डा ने मांग की कि सरकार को ठेका कर्मचारियों की तमाम मांगों पर सकारात्मक विचार करते हुए इन्हें मानना चाहिए। अगर मौजूदा सरकार ऐसा नहीं करती तो भविष्य में उनकी सरकार बनने पर इन मांगों को माना जाएगा और कर्मचारियों की राहत दी जाएगी।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि सरकार कर्मचारियों के साथ लगातार किसानों का भी शोषण कर रही है। पिछले दिनों हुई बारिश के चलते फसलों को भारी मात्रा में नुकसान हुआ है। बार-बार मांग किए जाने के बावजूद सरकार ने किसानों को मुआवजा नहीं दिया। यहां तक कि अब तक सरकार ने अबतक गिरदावरी भी नहीं करवाई। जबकि पड़ोसी राज्य दिल्ली किसानों को 20 हजार रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दे चुका है। लेकिन हरियाणा सरकार पिछले सीजन का मुआवजा भी आज तक लटकाए बैठी है।
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