सत्यखबर जींद (इन्द्रजीत शर्मा) – मानेसर में एमएस राममिहा मेडिकल कालेज के वर्ष 88 बैच के लगभग 20 डॉक्टर्स इकट्ठे हुए। नए साल पर लगभग 25 वर्षों के बाद मिलने का कारण न केवल नव वर्ष सेलिब्रेशन था बल्कि 25 वर्षों के बाद यारों, दोस्तों से मिलने का आंनद ही कुछ और था। इस काम का श्रेय 88 बैच के डा. राजकुमार यादव जो देहली से हड्डी रोग विशेषज्ञ हैं और डा. आशीष सोनी जो पठानकोट से हैं को जाता है। वहीं चिकित्सकों के मिलने का सबसे बड़ा कारण डा. राजेश भोला का समाजसेवा से जुड़ा हुआ होना भी रहा।
सोशल साइट फेसबुक के माध्यम से दोबारा संपर्क में आए ये मेडिकल कालेज के डॉक्टर्स को जोडऩे का काम डा. उदय राजसिंह जोकि सहारनपुर से हैं उन्होंने किया और इन सब को दोबारा से इकठ्ठा करने में भी लगभग एक वर्ष का समय लग गया। क्योंकि 25 वर्ष के बीत जाने के पश्चात इनमें से कोई भी चिकित्सक किसी के संपर्क में नहीं था। एक-एक करके जब ये सब फेसबकु पर जुडऩा शुरु हुए तो डा. भोला द्वारा किए जा रहे समाजसेवा के कार्यों से प्रेरित हुए और नए साल पर सभी ने इकट्ठे होने का निर्णय लिया।
पिछले एक वर्ष से फेसबुक के जरिये जुड़े होने के कारण डा. भोला द्वारा किए जा रहे बेटी बचाओ के कार्यक्रम, रक्तदान शिविर, पर्यावरण बचाओ, जहरमुक्त खेती जैसे अभियान के बारे में जानकारी मिली और सभी को अंदर से इस बात की उत्सुकता हुई कि आखिर उनका सहपाठी आज समाज में असली डॉक्टर होने का फर्ज अदा कर रहा है और अपनी ड्यूटी के साथ-साथ समाजसेवा का कार्य भी अच्छे से संभाल रहे हैं। इन्हीं सब बातो से प्रभावित होकर सभी इकठ्ठा हुए और बाकी सभी डॉक्टर्स ने भी डा. भोला की राह का अनुसरण करते हुए नए साल का आगाज करने की कसम खाई। डा. भोला ने बताया कि हमारे इस वर्ष 88 बैच रियूनियन में बरेली से आए डा. जेपी सेठी, और डा. महिपाल सिंह पुरी और सूरत से आए हुए डा. प्रशांत नायक पहले से ही रक्तदान के क्षेत्र में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं।
डा. राजकुमार यादव देहली से और डा. इंद्रजीत मुखर्जी जमशेदपुर से हड्डी विशेषज्ञ के साथ-साथ एनजीओ के माध्यम से समाजसेवा के लिए भी समय निकलते हैं। डा. राकेश बशीन चंडीगढ़ और डा. मुनीष पठानकोट से और डा. जगदीश गोयल चंडीगढ़ से बेटी बचाओ के क्षेत्र में नए साल से अहम भूमिका निभाएंगे। डा. जगदीश गोयल ने कहा कि ढल जाती है हर चीज अपने वक्त पर बस एक दोस्ती है जो कभी बूढ़ी नहीं होती और डा. नलिन रस्तोगी रुद्रपुर नैनीताल से और डा. संजय छिकारा गोहाना से और डा. हरप्रीत सिंह देहली से यूथ को नशे के खिलाफ जागरूक करेंगें। इसी बैच से दो डॉक्टर्स डा. सूरज कोहली और डा. लक्षमण सिंह जोकि आज चिकित्सक होने के बावजूद भी किन्ही कारणों से मेडिकल प्रोफेशन में नही हैं उसके बावजूद भी अपने पिता का फैमिली बिजनेस संभालते हैं और इन्होंने भी डा. भोला से प्रेरित होकर अपनी बचत का कुछ हिस्सा गरीब मरीजों की इलाज के लिए खर्च करने का बीड़ा उठाया है।
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