कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन आज 33वां दिन है….इस बीच सरकार ने किसानों को 30 दिसंबर को बातचीत के लिए बुलाया है…मीटिंग दोपहर 2 बजे विज्ञान भवन में होगी….इससे पहले किसानों ने शनिवार को सरकार को चिट्ठी लिखकर मंगलवार 11 बजे मीटिंग का वक्त दिया था…
वीओ- केंद्रीय कृषि सचिव ने किसानों को लिखे पत्र में खास तौर से संयुक्त किसान मोर्चा को 26 दिसंबर के पत्र का जिक्र करते हुए कहा है कि सरकार खुले मन से किसानों से बातचीत के लिए तैयार है….सरकार ने साफ किया है कि साफ नियत और खुले मन से इस मुद्दे पर वार्ता के लिए प्रतिबद्ध है.
चलिए अब आपको बता देते हैं कि सरकार से बातचीत के लिए किसानों ने क्या कुछ शर्तें रखी हैं…
तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की संभावनाओं पर बातचीत हो.
MSP की कानूनी गारंटी बातचीत के एजेंडे में हो.
कमीशन फॉर द एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ऑर्डिनेंस के तहत सजा के प्रावधान को किसानों पर लागू ना किया जाए. ऑर्डिनेस में संशोधन कर नॉटिफिकेशन जारी हो.
इलेक्ट्रिसिटी अमेंडमेंट बिल में बदलाव का मुद्दा भी बातचीत के एजेंडे में होना चाहिए.
बता दें कि 30 दिसंबर को सरकार और किसानों के बीच होने वाली इस बातचीत पर पूरे देश की नजरें होंगी…क्योंकि कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर धरना दे रहे किसानों को एक महीने से ऊपर हो गया है….और इस दौरान दोनों के बीच कई दौर की वार्ता भी विफल हो चुकी है…ऐसे में देखना ये होगा कि क्या सरकार और किसानों के बीच कृषि कानूनों को लेकर सहमति बन पाती है या नहीं….ब्यूरो रिपोर्ट
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