सत्यखबर, नई दिल्ली, देवेंद्र कुमार
निर्भया के चारों दोषियों मुकेश, पवन, विनय, अक्षय को फांसी हो चुकी है….और डॉक्टर ने उनकी मौत की पुष्टी भी कर दी है…अब सभी के मन में सवाल है कि शवों का क्या होगा…फिलहाल शवों को तिहाड़ जेल से निकालकर हॉस्पिटल लेकर जाया गया है….पोस्टमार्टम के बाद शवों को दोषियों के घरवालों को दे दिया जाएगा…चारों दोषियों की मौत के बाद शवों को हरि नगर थाने की पुलिस को सौंप दिया गया था…फिर पुलिस उन्हें लेकर दीन दयाल उपाध्याय हॉस्पिटल पहुंची…वहां चारों का पोस्टमार्ट्म होगा….पोस्टमार्टम के बाद चारों के शव उनके घरवालों को सौंप दिए जांएगे…अब तक किसी के परिवार ने शव लेने से मना नहीं किया है
ये भी देखे
https://www.youtube.com/watch?v=Six8uCN0CZQ&t=1s
बता दें कि निर्भया के दोषियों को 20 मार्च सुबह 5.30 पर फांसी हुई थी…फांसी के बाद चारों को करीब आधे घंटे फांसी पर लटके रहने दिया गया…इसके बाद 6 बजे के बाद फांसी घर में मौजूद डॉक्टरों ने चारों की मौत की पुष्टि की…फिर चारों को दो ऐम्बुलेंस बुलाकर उनमें तिहाड़ से निकाला गया…जेल की गाड़ियों में कैदी जाते हैं, इसलिए उसमें शवों को निकालना ठीक नहीं समझा गया। चलिए अब बात करते हैं फांसी देने के बाद परिजनों को शव सौंपने के दौरान क्या नियम होते हैं…बता दें कि किसी भी अपराधी को फांसी देने के बाद पहले तो डॉक्टर शव की जांच करते हैं और मौत की पुष्टि करते हैं…इसके बाद शव को ऑटोप्सी के लिए भेज दिया जाता है…तिहाड़ जेल के अधिकारियों के अनुसार पहले ऐसा नहीं होता था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट की 2014 की गाइडलाइन्स के बाद ये किया जाता है।
निर्भया के दोषियों के शवों का क्या होगा, अभी इस बारे में कुछ भी तय नहीं है…अगर जेल मैनुअल की मानें तो इसके अनुसार शवों का उनके धर्मों के अनुसार अंतिम संस्कार कर दिया जाएगा…अगर दोषियों के परिजन अंतिम संस्कार के लिए लिखित एप्लिकेशन देते हैं तो जेल सुपरिटेंडेंट परिस्थिति के अनुसार शवों को परिजनों के सुपुर्द कर सकते हैं…हां, एक शर्त जरूर है कि परिजनों को लिखित में देना होगा कि वो शव को लेकर कोई प्रदर्शन नहीं करेंगे शव को अंतिम संस्कार स्थल तक ले जाने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था भी की जाती है…जेल सुपरिटेंडेंट को पूरा अधिकार होता है कि वो शव के अंतिम संस्कार करने और शव को अंतिम संस्कार की जगह तक ले जाने के लिए हर जरूरी खर्च कर सकता है
कई मामलों में परिजन शव नहीं लेते हैं…जैसे रंगा-बिल्ला मामले में परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया था….इसके बाद जेल प्रशासन ने ही अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की थी…दरअसल, नियम के अनुसार अगर परिजन लिखित एप्लिकेशन नहीं देते हैं तो शव के अंतिम संस्कार की जिम्मेदारी जेल सुपरिटेंडेंट की ही होती है..
ये भी देखे
https://www.youtube.com/watch?v=Six8uCN0CZQ&t=1s
Scrap aluminium grading Aluminium alloy reuse Metal recovery operations