5G spectrum auction for 1.5 lakh crore
सत्य खबर , नई दिल्ली
भारत में अब तक की सबसे बड़ी स्पेक्ट्रम नीलामी सोमवार को खत्म हो गई. सात दिन तक चली इस नीलामी में 1.50 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के 5जी दूरसंचार स्पेक्ट्रम की रिकॉर्ड बिक्री हुई. इस नीलामी में अरबपति कारोबारी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस जियो ने अपनी अग्रणी स्थिति को मजबूत करने के लिए सबसे अधिक बोली लगाई. मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि कुल 1,50,173 करोड़ रुपये की बोलियां लगाई गईं है. हालांकि, फाइनल आंकड़ा आना बाकी है.5G spectrum auction for 1.5 lakh crore
Also read:
दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे पर लगने वाला है दो और तीन पहिया वाहन चालकों को बड़ा झटका, जानिए कैसा
Also read:
सिपाही की छुट्टी का आवेदन गजब , पढ़कर हंस पड़ेंगे आप
अत्यधिक उच्च गति के मोबाइल इंटरनेट संपर्क की पेशकश करने में सक्षम 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी की यह राशि पिछले साल बेचे गए 77,815 करोड़ रुपये के 4जी स्पेक्ट्रम से लगभग दोगुना है. यह राशि 2010 में 3जी नीलामी से मिले 50,968.37 करोड़ रुपये के मुकाबले तीन गुना है. रिलायंस जियो ने 4जी की तुलना में लगभग 10 गुना अधिक तेज गति से संपर्क की पेशकश करने वाले रेडियो तरंगों के लिए सबसे अधिक बोली लगाई.इसके बाद भारती एयरटेल और वोडाफोन आइडिया लिमिटेड का स्थान रहा. बताया जाता है कि अडाणी समूह ने निजी दूरसंचार नेटवर्क स्थापित करने के लिए 26 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है. सूत्रों ने कहा कि किस कंपनी ने कितना स्पेक्ट्रम खरीदा, इसका ब्योरा नीलामी के आंकड़ों के पूरी तरह आने के बाद ही पता चलेगा. सरकार ने 10 बैंड में स्पेक्ट्रम की पेशकश की थी, लेकिन 600 मेगाहर्ट्ज, 800 मेगाहर्ट्ज और 2300 मेगाहर्ट्ज बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए कोई बोली नहीं मिली.5G spectrum auction for 1.5 lakh crore
Also read:
संजय राउत की गिरफ्तारी पर सीएम शिंदे का बड़ा बयान, जानिए क्या कहा
लगभग दो-तिहाई बोलियां 5जी बैंड (3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज) के लिए थीं, जबकि एक-चौथाई से अधिक मांग 700 मेगाहर्ट्ज बैंड में आई. यह बैंड पिछली दो नीलामियों (2016 और 2021) में बिना बिके रह गया था. पिछले साल हुई नीलामी में रिलायंस जियो ने 57,122.65 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम लिया था. भारती एयरटेल ने लगभग 18,699 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी और वोडाफोन आइडिया ने 1,993.40 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम खरीदा था. इस साल कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपये के कुल 72 गीगाहर्ट्ज रेडियो तरंगों को बोली के लिए रखा गया था.
Aluminium can recycling program Aluminium recycling monitoring Scrap metal quality control