सत्य खबर । नई दिल्ली
किसान मजदूर संघर्ष समिति ने बुधवार को कृषि कानूनों के बारे में उनकी चिंताओं को हल करने के लिए आठ अक्टूबर को एक बैठक के लिए केंद्र सरकार के अनुरोध को ठुकरा दिया है।
किसान मजदूर संघर्ष समिति के राज्य सचिव सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि हमें कल केंद्रीय कृषि मंत्री का फोन आया व साथ ही उन्होंने हमें एक मेल भी भेजा। इसमें उन्होंने दिल्ली में आठ अक्टूबर को एक बैठक में बुलाया। इस पर सर्वसम्मति से हमने फैसला लिया है कि किसी भी बैठक में हम भाग नहीं लेंगे क्योंकि सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है।
इससे पहले कृषि मजदूर संघर्ष समिति के महासचिव को एक पत्र में कृषि सहकारिता व किसान कल्याण विभाग के सचिव ने कहा कि आपकी समिति ने कृषि बिलों पर चिंता जताई है। साथ ही आठ अक्टूबर को दिल्ली के कृषि भवन में होने वाली बैठक के लिए आमंत्रित किया। इस बैठक आपकी सभी समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जाएगा।
देश के विभिन्न हिस्सों में हाल ही में लागू किए गए कृषि कानूनों पर विरोध के बीच केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उन्हें कृषि क्षेत्र में लंबे समय से प्रतीक्षित सुधार करार का भरोसा दिलाया था।
किसानों के मुद्दों और मंगलवार को हाल ही में लागू किए गए खेत कानूनों पर चेन्नई में किसान नेताओं और कृषि विशेषज्ञों के साथ बातचीत करते हुए सीतारमण ने कहा था कि फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य एमएसपी को जारी रखा जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार की ओर से किए गए सुधार का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। अब भारत में कृषि उपज कहीं भी लाभ के साथ उनके लिए उपयुक्त कीमत पर बेची जा सकती है। अब किसान यह तय कर सकते हैं कि उन्हें फसल कहां और किसको बेचना चाहिए और कहां। सीतारमण ने कहा कि किसान अपने उत्पादों को कहीं भी बेच सकता है और इसमें कोई भ्रम नहीं है।
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