केंद्र सरकार ने विपणन सीजन 2022-23 के लिए रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का निर्णय लिया है। बुधवार को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने इसका अनुमोदन किया। सरकार ने बुधवार को गेहूं समेत 6 रबी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया। इसके पीछे उद्देश्य किसानों तक यह संदेश पहुंचाना है कि एमएसपी आधारित खरीद प्रक्रिया जारी रहेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में एमएसपी बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। गेहूं का एमएसपी 40 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 2015 रुपये कर दिया गया है। जौ का एमएसपी 35 रुपये बढ़ाकर 1635 प्रति क्विंटल कर दिया गया है।चने का एमएसपी 130 रुपये बढ़ाकर 5230 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। मसूर का एमएसपी 400 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ाकर 5500 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
वहीं सरसों का एमएसपी 400 रुपये बढ़ाकर 5050 प्रति क्विंटल कर दिया गया है। सूरजमुखी का एमएसपी 114 रुपये की वृद्धि के साथ 5441 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इससे पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल ने गन्ना किसानों के लिए अब तक के उच्चतम उचित और लाभकारी मूल्य(एफआरपी) 290 रुपये / क्विंटल को मंजूरी दी थी। बता दें ये कीमतें मार्केटिंग सीजन 2022-23 में लागू होंगी। सितंबर के आखिरी सप्ताह से रबी फसलों की बुआई शुरू हो जाती है। वहीं कटाई का समय मार्च से अप्रैल के बीच होता है।
केंद्र सरकार ने रबी फसलों की एमएसपी में उस वक्त बढ़ोतरी की घोषणा की है, जब देश के किसान तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ बीते कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। किसान संगठनों की मांग की है कि सरकार तीनों नए कृषि कानून को वापस ले। साथ ही वे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गारंटी चाहते हैं जबकि सरकार साफ कर चुकी है कि एमएसपी को खत्म नहीं किया जाएगा। ऐसे में आज एक बार केंद्र सरकार की ओर से फिर रबी फसलों की एमएसपी में बढ़ोतरी की घोषणा की गई है। अब देखना है किसान सरकार के इस फैसले पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं।
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