सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
गांव डोहाना खेड़ा में 100-100 गज के प्लॉट 93 गरीब परिवारों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत वर्ष 2011 में अलॉट हुए थे। परन्तु 9 वर्ष का लम्बा समय बीत जाने के बावजूद भी गरीब परिवारों को उनके प्लॉट का कब्जा नहीं मिल पाया है। ग्रामीण प्रवीण ने कहा कि हम सभी परिवार अपने प्लॉट के कब्जे के लिए कई-कई बार बीडीपीओ उचाना, डीडीपीओ जींद, एसडीएम नरवाना, डीसी जींद, तत्कालीन विधायिका प्रेम लता, सीएम विंडो, प्रधानमंत्री कार्यालय नई दिल्ली को मिल व लिख चुके हैं, लेकिन हमें सिर्फ आश्वासन ही मिला है। उन्होंने कहा कि सरकार ने 12 अगस्त 2011 को प्लॉट की रजिस्टरी करवाकर भी दी हुई है, लेकिन हमें अपना प्लॉट नहीं मिल पाया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सरपंच सीमा व उनके पति धर्मबीर हर वर्ष बस्ती की इस जमीन पर जीरी व गेहूं की खेती अपने सगे-संबंधियों को देकर करवाते रहते हैं, जिसमें उनका निजी स्वार्थ है। उन्होंने कहा कि गत मार्च में उचाना प्रशासन ने इन प्लॉटों की चकबंदी करवाकर पोल गड़वा दिए थे तथा आश्वासन दिया कि इसमें लगी हुई गेहूँ फसल की कटाई होने के बाद आपको प्लाटों की निशानदेही करके कब्जा दिला दिया जाएगा। इस चकबंदी का सारा खर्चा भी हम सभी प्लाट धारकों ने मिलकर जमा करवा दिया था। परन्तु अब इस जमीन पर सरपंच द्वारा उन पोलों को उखड़वाकर जीरी लगाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। जिससे आहत होकर सभी प्लाट धारक ग्रामवासी इसकी शिकायत लेकर एसडीएम उचाना से मिले तथा एसडीएम ने उन्हें कार्यवाही का आश्वासन दिया। इस मौके पर बलबीर, बलमंत, शमशेर नंबरदार, बलकार, चरणदास, सुनीता, सतपाल, नसीब, शांति, संतरो, रोशनी, सुखदेई, धर्मबीर समेत करीब तीन दर्जन प्लाट धारक मौजूद रहे।
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