सत्यखबर
किसान आंदोलन के कारण पिछले करीब 11 माह से नेशनल हाईवे-44 पर वाहन बिना टोल टैक्स भरे ही गुजर रहे हैं। अब कृषि कानूनों की वापसी होने के बाद जब टोल प्लाजा खुलेंगे तो हाईवे का सफर भी पहले से महंगा होगा, क्योंकि NHAI ने टोल टैक्स की दरें बढ़ा दी हैं। टोल टैक्स पहले से पांच रुपये से लेकर 10 रुपये तक बढ़ाया गया है। वहीं, मासिक पास में वाहन की श्रेणी के हिसाब से 50 रुपये से लेकर 275 रुपये तक वृद्धि की गई है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से करनाल के बसताड़ा और अंबाला टोल प्लाजा पर बढ़ी हुई ये दरें सितंबर 2021 में लागू होनी थी, लेकिन टोल प्लाजा पर किसानों का धरना होने से इस बढ़ी दरों का असर नहीं हो पाया। ऐसे में अब टोल खुलने के बाद दिल्ली से अमृतसर या चंडीगढ़ तक का सफर महंगा हो जाएगा। नेशनल हाईवे-44 पर 24 घंटे में 80 हजार से ज्यादा वाहन गुजरते हैं। एक तरफ की यात्रा करने वाले छोटे वाहन के टैक्स में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। लेकिन यदि वे अप एंड डाउन की पर्ची कटवाएंगे तो छोटे वाहन पर पांच और बढ़े पर 10 रुपये पहले से ज्यादा देने होंगे।
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कामर्शियल वाहनों के टैक्स में बढ़ोतरी से माल ढुलाई पर असर
कामर्शियल वाहनों के लिए भी टोल में बढ़ोतरी की गई है। इसका असर माल ढुलाई पर भी पड़ेगा। पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ने से पहले ही ट्रांसपोर्ट महंगा हो चुका है, जबकि ऐसे वाहन अभी बिना टोल भरे हाईवे से गुजर रहे हैं। बसताड़ा टोल प्लाजा पर बस, ट्रक की एक तरफ की यात्रा या आने-जाने का टैक्स एक ही साथ भरने पर पांच रुपये पहले से ज्यादा देने होंगे। इसी तरह एमवी डबल एक्सेल या इससे बड़े वाहनों पर एक तरफ की यात्रा या आने-जाने का टैक्स एक साथ भरने पर 10 रुपये ज्यादा देने होंगे।
पानीपत-जालंधर तक 291 किलोमीटर सड़क को छह लेन करने के लिए एनएचएआई ने मई 2008 में काम शुरू किया था। सोमा के साथ ठेका करते हुए 2009 में टेंडर दिया गया। 2011 में काम पूरा होना था। प्रोजेक्ट के तहत 2024 तक टोल वसूला जाना है। बसताड़ा से पहले नीलोखेड़ी में टोल प्लाजा हुआ करता था।
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