महात्मा हंसराज ने बिना वेतन लिये संस्था की निस्वार्थ सेवा की- प्राचार्य
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
डीएवी पब्लिक स्कूल में डीएवी संस्था के संस्थापक महात्मा हंसराज के 155वें जन्मदिवस पर हवन यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसमें समस्त स्टाफ व विद्यार्थियों ने पवित्र मन्त्रोच्चारण के साथ स्कूल प्रगति एवं समाज कल्याण की कामनाओं के साथ हवन में आहुति डाली। प्राचार्य डा. रविन्द्र कौशिक ने महात्मा हंसराज के जीवन परप्रकाश डालते हुए बताया कि वे बचपन से ही कुशाग्रबुद्धि के स्वामी व मानवता की सेवा को समर्पित थे। उन्होने आजीवन निस्वार्थ भाव के, बिना वेतन लिए संस्था की सेवा की। उन्होंने बताया कि कि स्वामी दयानन्द के व्याख्यान को सुनकर उन्होंने अपने जीवन काल को हमेशा के लिए बदल दिया और लाहौर में आर्य समाज ने निर्णय लिया कि ऐसी शिक्षा संस्था बनाई जाए, जो वैदिक मूल्यों को जन-जन तक पहुंचाए और उसी निर्णय के अनुरूप, जून 1886 को लाहौर में दयानन्दएंग्लो वैदिक की स्थापना की। इसके अतिरिक्त लगभग 919 डीएवी संस्थाएं पूरे भारत में ही नहीं, अपितु विदेशों में भी उत्कृष्ट शिक्षा प्रदान कर समाज सेवा में अग्रणीयोगदान दे रही हैं।