खाद्य आपूर्ति विभाग के गोदाम में खुले में रखा लाखों टन गेहूं बारिश में भीगा
सत्यखबर, नरवाना (सन्दीप श्योरान) :-
भाजपा सरकार केंद्र व प्रदेश में भ्रष्ट्राचार कम होने की हामी भर रही हैं, लेकिन सरकार की नाक नीचे ही विभागों में लाखों-करोड़ों रूपये का गोलमाल चल रहा है। जिस कारण भ्रष्ट्राचार कम होने की बजाय बढ़ता जा रहा है और अधिकारी, कर्मचारी अपनी जेबें गरम करते देखे जा सकते हैं। ऐसा ही एक गोलमाल व घोटाले का मामला खाद्य आपूर्ति विभाग में देखने को मिल रहा हैं, जहां अधिकारी व कर्मचारियों की मिलीभगत से लाखों टन गेहूं भीगने के लिए छोड़ रखा है, ताकि गेहंू की बोरियां भीगने से उनमें वजन बढ़ जायें और अधिकारी व कर्मचारी इसमें फालतू की गेहूं निकाल सके। एफसीआइ गोदाम के पास खाद्य आपूर्ति विभाग ने एक गोदाम किराये पर लिया हुआ हैं, जहां लाखों टन गेहूं का स्टॉक किया हुआ हैं। देखने वाली बात यह है कि गोदाम के बाहर से देखने पर पहली पक्तिंयों में गेहूं के स्टॉक पर तिरपाल पर ढका हुआ हैं, लेकिन अंदर गोदाम में खुले में गेहूं की बोरियों के स्टॉक लगे हुए हैं। जिस कारण मंगलवार रात को हुई तेज बारिश के कारण खुल में स्टॉक किया गेहूं भीग गया। बारिश में कोई एक बोरियों का चट्ठा नहीं भीगा, लगभग 15-20 गेहूं के चट्ठे बारिश के कारण भीग गये। इससे गेहूं के खराब होने से इनकार नहीं किया जा सकता। वहीं खाद्य आपूर्ति विभाग में लाखों रूपये के घोटाले होता नजर आ रहा है। अगर इस मामले की विजिलेंस से जांच करवाई जाये तो कई बड़े अधिकारी व कर्मचारी इसमें फंसते नजर आ सकते हैं।
गेहूं के स्टॉक को तिरपाल से ढकने की दी थी सलाह
शहर के एक व्यक्ति ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उन्होंने फूड सप्लाई के सब इंसपेक्टर को रात 11 बजे के करीब फोन पर कह दिया था कि बारिश के कारण गेहूं की बोरियां भीगने का डर हैं। इसलिए समय रहते उनको तिरपाल से ढक दिया जाये। लेकिन सब इंसपेक्टर ने उसको ही धमकाना शुरू कर दिया। जिससे अधिकारी की लापरवाही के कारण गेहूं सारी रात भीगता रहा।
कैमरे को देखकर मजदूरों ने ढका तिरपाल
जब मजदूरों से गेहूं की बोरियों को तिरपाल से न ढकने का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा कि आंधी के कारण तिरपाल उड़ गये थे। लेकिन जब यह कहा कि कई स्टॉकों पर तो तिरपाल ही नहीं हैं, क्या वे भी उड़ गये? इसके बाद मजदूरों के पास कोई जवाब नहीं था। बाद में कैमरें को देखकर मजदूरों ने स्टॉकों पर तिरपाल ढकना शुरू कर दिया। इससे पहले हजारों बोरियां बारिश में भीग चुकी थी।
स्टॉक को पूरी तरह से नहीं गया था ढका
खाद्य आपूर्ति विभाग के गोदाम में देखने वाली बात यह थी कि कई चट्ठों को पूरी तरह से नहीं ढका गया था, बल्कि औपचारिकता करने के लिए ऊपर से आधा ढका हुआ था, ताकि नीचे बोरियां बारिश में भीगती रहीं और उससे वजन बढ़ता रहे।
राशन डिपू व आंगनवाड़ी में सप्लाई होता है यह गेहूं
खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा स्टॉक किया गेहूं क्षेत्र के राशन डिपूओं व आंगनवाड़ी में सप्लाई होता है। अधिकारी व कर्मचारी आपसी मिलीभगत से इस भीगे हुए व खराब गेहूं को डिपूओं व आंगनवाड़ी में भेजने का काम करते हैं। जब कोई गरीब व्यक्ति खराब गेहूं मिलने की शिकायत करता है, तो उसकी आवाज को दबा दिया जाता है। भीगा हुआ गेहूं खाने से बच्चे व बुजुर्ग बीमार हो जाते हंै, लेकिन इससे अधिकारी व कर्मचारी को कोई सरोकार नहीं हैं।