सत्य खबर, पानीपत ।
Non-bailable warrant issued against police inspector in Haryana, know in which case
पानीपत जिला की कोर्ट ने पुलिस विभाग के एक इंस्पेक्टर के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं। दरअसल, इंस्पेक्टर कोर्ट के समन दिए जाने के बावजूद भी पेश नहीं हुआ। यहां तक उस पर एक बार जुर्माना लगाया गया और जमानती वारंट जारी भी किया गया, लेकिन इंस्पेक्टर फिर भी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ।
जिसके बाद अब कोर्ट ने कड़ा संज्ञान लेते हुए इंस्पेक्टर के गैर जमानती वारंट जारी कर दिए हैं। साथ ही मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 30 अक्टूबर की तय की है। अगर इस तारीख पर भी इंस्पेक्टर पेश नहीं हुए तो कोर्ट कड़ा संज्ञान ले सकती है।
छेड़छाड़ महिला पुलिसकर्मी से, जांच अधिकारी पुरुष कर्मी को बनाया
दरअसल, 17 जून को सेक्टर 13-17 थाना में कानूनी सलाहकार डॉ. प्रदीप कुमार, एडवोकेट सुनीता कश्यप और उनके पति सतपाल कश्यप के खिलाफ दो महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ करने, सरकारी ड्यूटी में बाधा डालने का मुकदमा दर्ज किया गया था। कानून के मुताबिक महिला से छेड़छाड़ के मामले में जांच अधिकारी महिला पुलिसकर्मी को बनाया जाना चाहिए था। मगर पुलिस ने इस केस की जांच एक पुरुष ASI को सौंप दी थी। इसके बाद तीनों ने कोर्ट से अग्रिम जमानत ली। 4 जुलाई को पुलिस ने हालात मुकदमा कोर्ट में पेश किया था। जिस पर महिला जांच अधिकारी ASI सुरेश कुमारी के हस्ताक्षर थे।
जांच में महिला कर्मी बोलीं- हस्ताक्षर उसके नहीं हैं
तभी डॉ. प्रदीप कुमार को थाना में ही तैनात एक पुलिसकर्मी ने बताया कि महिला जांच अधिकारी सुरेश कुमारी ने इस केस में किसी भी तरह की कोई भी कार्रवाई, हस्ताक्षर नहीं किए हैं। इसमें हालात मुकदमा, नक्शा नजरी, 161CRPC, प्रथम जीवनी व अन्य सभी दस्तावेजों पर सुरेश कुमारी के जाली हस्ताक्षर किए गए हैं।
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सभी सबूत जुटाने के बाद इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों को की गई। जिसकी जांच 110 दिन तक चली। 21 नवंबर 2022 को सुरेश कुमारी को शामिल जांच किया गया। सुरेश कुमारी ने इस पूरे फर्जीवाड़े को उजागर करते हुए हस्ताक्षर खुद के होने से मना कर दिया। ्
सैलरी अटैच करने के अनुरोध पर जारी हुए वारंट
डॉ. प्रदीप कुमार ने बताया कि ASI सुरेश कुमारी ने अदालत में इन सभी के खिलाफ बयान दिए हैं। जिसमें उन्होंने अदालत में मान लिया कि तत्कालीन थाना प्रभारी दीपक कुमार व एक उनसे पहले रहे इंचार्ज ने यह न्यायालय में उसके जाली हस्ताक्षर कर अंतिम चालान रिपोर्ट पेश की है। अब इंस्पेक्टर दीपक कुमार न्यायालय में पेश नहीं हुए तो उनकी सैलरी अटैच करने की याचिका लगाई गई। जिसके बाद कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किए हैं।
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