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काशी में पीएम के सामने कांग्रेस इन पर लगा सकती है दांव

सत्य न्यूज़/नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश की वाराणसी लोकसभा सीट पूरे देश में सबसे ज्यादा चर्चित सीटों में से एक है. कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के गठबंधन के तहत यह लोकसभा सीट कांग्रेस के खाते में गई है. वर्तमान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय पिछले दो लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाराणसी लोकसभा सीट से सांसद हैं.

कांग्रेस इन नेताओं पर दांव लगा सकती है

इंडिया अलायंस के मुताबिक वाराणसी लोकसभा सीट कांग्रेस पार्टी को दी गई है. समाजवादी पार्टी ने इस सीट से सुरेंद्र सिंह पटेल को अपना उम्मीदवार घोषित किया था. लेकिन गठबंधन का समीकरण तय होने के बाद सपा ने उम्मीदवार वापस लेने का फैसला किया. इस लोकसभा सीट से कांग्रेस की ओर से प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय राय उम्मीदवार हो सकते हैं. इस लोकसभा सीट से कांग्रेस के पूर्व सांसद राजेश कुमार मिश्रा और यूपी कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता संजीव सिंह भी टिकट की दावेदारी कर रहे हैं.

यहां का जातीय समीकरण क्या है?

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वाराणसी लोकसभा सीट कुर्मी बहुल मानी जाती है. यहां दो लाख से ज्यादा कुर्मी वोटर हैं. वाराणसी के सेवापुरी और रोहनिया इलाके में कुर्मी वोटर बड़ी संख्या में हैं. लोकसभा क्षेत्र में करीब दो लाख ब्राह्मण और भूमिहार हैं. यहां तीन लाख से ज्यादा गैर-यादव ओबीसी वोटर हैं. इस लोकसभा में यादव और अनुसूचित जाति के एक लाख और वैश्य जाति के दो लाख वोट हैं.

यह सीट पीएम मोदी का गढ़ है

2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस सीट से चुनाव लड़ने का फैसला किया था. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी इन आम चुनावों में प्रधानमंत्री के सामने अपनी पसंद पेश कर रहे थे. लेकिन वे भी कोई खास प्रभाव नहीं छोड़ सके. लोकसभा चुनाव में उन्हें करारी हार का सामना करना पड़ा. तब से लेकर आज तक यह सीट भारतीय जनता पार्टी के लिए काफी लकी साबित हुई है. पीएम मोदी इस लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव लड़ने जा रहे हैं.

बीस साल पहले कांग्रेस जीती थी

वाराणसी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार आखिरी बार 2004 में जीते थे. कांग्रेस ने राजेश कुमार मिश्रा को अपना उम्मीदवार बनाया था. 2014 के आम चुनाव में इस सीट से कांग्रेस उम्मीदवार भी अपनी जमानत बचाने में नाकाम रहे थे. 1984 के लोकसभा चुनाव के बाद से 2004 के आम चुनाव में केवल राजेश कुमार मिश्रा ने ही इस सीट से जीत हासिल की है.

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सपा-बसपा का खाता नहीं खुला

लोकसभा सीट के गठन के बाद से आज तक कोई भी समाजवादी पार्टी या बहुजन समाज पार्टी का उम्मीदवार इस सीट पर जीत हासिल नहीं कर सका है. इस लोकसभा सीट पर 17 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. जिसमें सात-सात बार बीजेपी और कांग्रेस के उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. जबकि भारतीय लोक दल, जनता दल और कम्युनिस्ट पार्टी ने इस लोकसभा सीट पर एक-एक बार जीत हासिल की है. इस लोकसभा क्षेत्र से अभी तक बसपा और सपा का खाता भी नहीं खुला है। वाराणसी लोकसभा के अंतर्गत पांच विधानसभा सीटें आती हैं.

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